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कुशीनगर में अब लगेगी 1121 ग्राम पंचायतें


  •  सृजित गांव हुए 165, राजस्व गांव की संख्या हुयी 1577
अजय कुमार त्रिपाठी
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में अब 1121 ग्राम पंचायते लगेगीं। क्योकि प्रशासन ने 165 गांवों को अस्तित्व दे दिया है जो बर्षो से टोलों के रूप में अपने विकास के लिए ग्राम पंचायतों की राह देख रहे थे।
अधिक आबादी वाले गांव के दो से अधिक टोले को अलग गांव का प्रशासन ने अस्तित्व दे दिया है। पहले जिले में कुल 956 ग्राम पंचायतों थी। अब 165 नये ग्राम पंचायतों का सृजन हो गया है। अब इनका भी विकास होगा और ये भी गांव विकास की मुख्य धारा से जूड़ कर कीर्तमान बना सकेगें। जिसके तहत अगला त्रिस्तरीय चुनाव गांवों के नए परिसीमन के अनुसार ही होगा। विभागीय आकड़ों के अनुसार सदर पडरौना विकास खण्ड में कुल 18 नये गांवों का सृजन हुआ जिनकी संख्या पहले 108 थी। उसी तरह दुदही विकास खण्ड में कुल 9 नये गांवों का सृजन हुआ जिनकी संख्या पहले 58 थी। सेवरही विकास खण्ड में कुल 14 नये गांवों का सृजन हुआ है, जिनकी संख्या पहले 72 थी। तमकुही विकास खण्ड में कुल 20 नये गांवों का सृजन हुआ है, जिनकी संख्या पहले 79 थी। फाजिलनगर विकास खण्ड में कुल 12 नये गांवों का सृजन हुआ है, जिनकी संख्या पहले 76 थी। कसया विकास खण्ड में कुल 7 नये गांवों का सृजन हुआ है, जिनकी संख्या पहले 53 थी। वही हाटा विकास खण्ड में कुल 7 नये गांवों का सृजित हुए है, जिनकी संख्या पहले 74 थी। उसी तरह मोतीचक में 7 गांव सुजित हुए, पहले 63 गांव ही अस्तित्व में थें। सुकरौली में कुल 9 गांवों सृजन हुआ उनकी संख्या 68 थी। कप्तानगंज विकास खण्ड में कुल 12 नये गांवों का सृजन हुआ है, जिनकी संख्या पहले 64 थी। इसी क्रम में रामकोला विकास खण्ड में कुल 09 नये गांवों का सृजन हुआ है, जिनकी संख्या पहले 49 थी। इसी तरह नेबुआ विकास खण्ड में 16 नये गांव, खड्डा में 13 व विशुनपुरा विकास खण्ड में कुल 12 नये गांवों का सृजन हुआ है, जिनकी संख्या पहले 69 थी।
इसी प्रकार कुशीनगर में राजस्व गांवों की संख्या 1577 है। जिसमें प्रमुख रूप से विकास खंड पडरौना में 176, दुदही में 91, सेवरही में 130, तमकुही में 155, फाजिलनगर में 125, कसया में 76, हाटा में 111, सुकरौली में 104, मोतीचक में 84, कप्तानगंज में 96, रामकोला में 66, नेबुआ नौरंगिया में 111, खड्डा में 118, विशुनपुरा में 134 गांव शामिल हैं। जबकि पूर्व चली आ रही न्याय पंचायतों की संख्या में कोई फेर बदल नहीं है। इनकी संख्या 141 ही है।
ज्ञातव्य हो कि उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से कट कर 13 मई 1994 को अलग हुए इस
जिनकी आबादी अब एक हजार से अधिक है। इससे लोगों को आशा है कि आने वाले समय में गांव के विकास के साथ सुविधाएं भी बढेंगी। गांव विकास की मुख्य धारा से जूड़कर नया कीर्तमान स्थापित कर सकेगा।
जिला पंचायत राज अधिकारी आरपी मिश्र के अनुसार जिले में मिले 260 आवेदनों में से 165 आवेदनों कों चार सदस्यीय टीम ने सहमति दी तो इसका गजट भी हो गया। इसी अधार पर आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 1121 ग्राम पंचायतों में सम्पन्न होगें।
कुशीनगर में चैदह विकास खण्डों के अन्र्तगत कुल 956 ग्राम पंचायतें ही स्थापित की गयीं। इसके बाद लगातार हुए तीन त्रिस्तरीय पंचायत के चुनावों को वर्ष 1994-95 के आधार पर ही सम्पन्न कराया गया था। गांव सभा के लिए सबसे पहले पांच सौ की आबादी का मानक था। इस मानक में प्रमुख सचिव पंचायती राज अनुभाग के शासनादेश द्वारा वर्ष 1992 के बाद फिर गांवों की बढ़ी आबादी के अनुसार परिसीमन के अनुरूप पुर्नगठन करने का निर्देश दिया था। इसमें दावे व आपत्तियों के निस्तारण के बाद 165 नए गांव बनाए गए।

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