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कुशीनगर में चीनी मिलों पर प्रशासन शख्त, मुकदमा की कार्यवाही


टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर।  उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में जिला प्रशासन ने चीनी मिलों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में मुकदमा दर्ज करवाया है। इसके पूर्व जिला प्रशासन ने चीनी मिलों को नोटिस देकर उनके कार्य प्रणाली से अवगत कराया था।
जिला गन्ना अधिकारी हरिपाल सिंह ने मिलों के खिलाफ हुई कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया है कि ढाढ़ा चीनी मिल द्वारा आईडीबीआई सीतापुर शाखा से किसानों के नाम केसीसी बनवाकर तथा उससे ऋण लेकर उसका प्रयोग गन्ना मूल्य भुगतान में किया जा रहा है। 
इससे किसानों के साथ धोखाधड़ी की संभावना है तो वहीं यह व्यवस्था गन्ना खरीद एवं पूर्ति विनियमन अधिनियम 1953 के तहत लागू प्रावधानों में नहीं है। इसकी जानकारी होने पर बीते 31 मार्च नोटिस जारी किया गया। इसके बावजूद चीनी मिल द्वारा भुगतान किया जाता रहा। यह जानकारी जिलाधिकारी के संज्ञान में लायी गई, इस पर जिलाधिकारी द्वारा मामले में चीनी मिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिया गया।
वही दुसरी तरफ पेराई सत्र 14-15 के दौरान सेवरही परिक्षेत्र के दस क्रय केंद्रों का गन्ना पहले विशेष अनुरोध करके अपने पक्ष में आवंटित करा लिया गया, जबकि इन क्रय केंद्रों पर गन्ना अवशेष रहते ही चीनी मिल बंद करने पर गन्ना आयुक्त ने मिल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था। इस सम्बन्ध में डीसीओ ने बताया कि इसे देखते हुए उप्र वैक्यूम पैन शुगर फैक्ट्रीज लाइसेंसिग आर्डर 1969, उप्र गन्ना पूर्ति एवं खरीद विनियमन नियमावली 1953 के साथ-साथ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मिल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गन्ना क.ेए. फारुकी, अध्यासी पीके सैनी व फाइनेंस हेड एके जैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसी तरह दी कानोरिया शुगर मिल कप्तानगंज द्वारा अपेक्षित गति से गन्ना मूल्य भुगतान न करने तथा गन्ना सर्वेक्षण वर्ष 2015-16 में अपेक्षित सहयोग न करने पर जिलाधिकारी ने मिल मालिक संजय कानोरिया को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब मांगा है। नोटिस में स्थिति में सुधार न होने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। 

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