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हाल-ए-कुशीनगर: जमीन किसी और की और मालिक बना कोई और



टाईम्स आफ कुशीनगर ब्यूरों
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दर्जनों ऐसे गांव है जहां जमीन किसी और की है लेकिन मालिक कोई और बना बैठा है। अपनी जमीन की खातिर बेबस लोग फरियाद लेकर घूम रहे हैं। ताजुब्ब है कि बात तों यह है कि इनकी फरियाद कोई सुनने वाली नही है।

ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर के खड्डा विकास खण्ड से होकर गुजरने वाली नारायणी नदी के दियारा क्षेत्रों में जंगल दस्युओं के भय से नदी पार के ग्राम मरिचहवा, बाल गोविंद छपरा, मुजही, टेगरहा, पनियहवां, करमहवां, पकड़ीहवां, बकुलादह, ज्वालापुर, देवीपुर, बसंतपुर, शिवपुर, हरिहरपुर, नारायनपुर आदि गांवों के किसान रेता क्षेत्र में खेती करना बंद कर दियें है। साथ ही अपनी सुरक्षा को लेकर हर कोई अपनी बारी छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जा बसा है । अब इन जमीनों पर भू माफियाओं की नजर है। यही नही भू-माफियां खेतों पर कब्जा कर खेती कर रहे है।
अब यूपी और बिहार पुलिस की चैकसी व जंगल दस्युओं का सफाया हो जाने पर असल किसान अपनी पुरानी खेती की ओर लौटना चाहते है तो विवाद की स्थिति उत्पन्न होने लगी है। इससे बचने के लिए असल कास्तकार तहसील व थाना दिवसों पर जमीन पैमाइश का आदेश लेकर घूम रहा है। राजस्व कर्मी पैमाइश करने से कतरा रहे हैं। जिसके कारण रेता क्षेत्र में खूनी संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।

पकड़ीहवा के रुदल, रामसेवी, सीताराम, जगदीश, पनियहवा के रामप्रसाद, गोपीचंद, बिहारी, कन्हैया आदि ने बताया कि हम लोगों के पास जमीन का इंतखाब है। लेकिन उस जमीन को भू माफिया दबंगई के बल पर जोत रहे हैं।

इधर ग्राम प्रधान पनिहवा रामसनेही साहनी बताते हैं कि रेता क्षेत्र की जमीन की पैमाइश कराने का आदेश एसडीएम पडरौना से प्रत्येक वर्ष करा रहा हूं। लेकिन चार वर्षो से राजस्व कर्मी पैमाइश नहीं कर रहे हैं।

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