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नारायणी के दबाव से कुशीनगर के कई गांव खतरे में


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो 
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से होकर गुजरने वाली नारायणी नदी का दबाव एक बार फिर शनिवार को बढ़ गया। नदी के दबाव से तमकुही व खड्डा क्षेत्र के कई गांवों पर खतरा मंडराने लगा है। बैकरोलिंग कर हो रहे कटान से भयभीत गांवों के ग्रामीणों का सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन जारी है। वहीं नोनियापट्टी में ग्रामीणों व ठेकेदारों के बीच हुए झड़प के बाद दूसरे दिन शनिवार को भी बचाव कार्य बंद रहा। 
 नारायणी नदी 
ज्ञात हो कि मानसून के आने के बाद हर साल तबाही मचाने वाली नारायणी नदी का तेवर इस बार भी कम नहीं है। शुरुआत से ही नदी का दबाव खड्डा व तमकुहीराज क्षेत्र के कई गांवों पर बना हुआ है। इससे सर्वाधिक प्रभावित खड्डा क्षेत्र के शाहपुर, विंध्याचलपुर, रजही गांव है। जबकि एपी तटबंध के किनारे बसे अहिरौलीदान के नोनियापट्टी व डीह टोला को नदी इन दिनों अपने आगोश में लेने को तैयार है।
वही नोनियापट्टी में करीब 15 से अधिक घरों को नदी में विलीन हो चूके है। इधर गुरुवार व शुक्रवार को एपी तटबंध के किनारे गांवों में कटान काफी हद तक थम गया था। लेकिन शनिवार को एक बार फिर घटते-बढ़ते जलस्तर के कारण नदी ने दबाव बनाना शुरू कर दिया। शनिवार को गंडक बैराज पर डिस्चार्ज एक लाख दो हजार क्यूसेक दर्ज किया गया। जिससे खड्डा व तमकुही क्षेत्र के कई गांव नदी के निशाने पर आ गए हैं। 

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