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कुशीनगर से उड़ान शुरू होते ही लाखो बेरोजगारो के लिए सुजित होगे रोजगार


टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो
कुशीनगर। भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में निमार्णधीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 19 जुलाई से उड़ान शुरू होने की संभावना प्रबल होती जा रही। कुशीनगर से उड़ान शुरू होने से जहां एक तरफ लाखांे बेरोजगारो को लिए रोजगार के अवसर सृजित होने लगेगें। वही पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।
ज्ञात हो कि कुशीनगर बौद्ध धर्म के सात प्रमुख तीर्थ स्थलों में प्रमुख तीर्थ स्थल है। क्योकि भगवान बुद्ध का यहां महापरिनिर्वाण हुआ था। यहां बुद्ध ने अंतिम शिष्य आनंद को उपदेश दिया था। यहां महापरिनिर्वाण मंदिर स्थित बुद्ध की पांचवीं सदी की शयन मुद्रा वाली प्रतिमा सैलानियों के आकर्षण व श्रद्धा का केंद्र है। ऐसे में यहां प्रति वर्ष थाईलैंड, म्यांमार, कोरिया, जापान, श्रीलंका, चीन, भूटान आदि देशों के अलावा यूरोप, अमेरिका, मलेशिया सहित भारत के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आतंे है। सभी श्रद्धालु गोरखपुर से कुशीनगर आते और कुशीनगर आने का मुख्य मार्ग सड़क है यहां अभी तक न तांे ट्रेन आ पायी और न तो हवाई जहाज से यात्रा शुरू हो पायी। एसे में विदेशी सैलानियों का वार्षिक आंकड़ा लगभग 80147 व देसी सैलानियों का आंकड़ा 897546 है।  अगर ट्रेन व हवाई उड़ान की व्यवस्था सुनिश्चित हो जाये तो यह संख्या निश्चित रूप से बढ़ जायेगी। हालाकि ट्रेन के लिए विभाग में प्रस्ताव लम्बित है और हवाई उड़ान शुरू होने की सम्भावित तिथि भी निर्धारित हो गयी । वर्तमान में कुशीनगर आने के लिए व श्रावस्ती आने का एकमात्र जरिया सड़क ही है। हवाई सेवा से सैलानियों की संख्या बढ़ेगी, स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
KUSHINAGAR GATE
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में बौद्ध सर्किट के विकास के साथ-साथ पर्यटन उद्योग एवं रोजगार के अवसर सृजित करने वाली केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना उड़ान -3 के तहत कुशीनगर में निमार्णधीन अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से 19 जुलाई से उड़ान शुरू होने की संभावना प्रबल है। साथ ही इसके लिए कुशीनगर व श्रावस्ती तक उड़ान के लिए टर्बो एविएशन व एयरपोर्ट अथार्टी आफ इंडिया के मध्य एमओयू हो गया है। 19 जुलाई से सेवा शुरू करने की संभावित तिथि तय की गई है। बताया जा रहा है कि कुशीनगर के लिए बोधगया व लखनऊ से सीधी उड़ान होगी। उड़ान शुरू होने पर सैलानी मात्र 30 से 40 मिनट में कुशीनगर व श्रावस्ती पहुंच जाएंगे। श्रावस्ती में भगवान बुद्ध ने जेतवन बिहार की स्थापना की थी। माना जाता है कि यहां के धर्म सभा मंडप से अपने तीन चैथाई उपदेश दिए। यहां से बुद्ध के ननिहाल कपिलवस्तु व जन्म स्थली नेपाल स्थित लुंबिनी नजदीक है। 
इस सम्बन्ध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट व एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी अभिषेक पांडेय ने बताया कि उड़ान शुरू होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। उस अनुरूप निजी व सरकारी क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का कार्य तेज करेंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार में भी वृद्धि होगी।

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