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भू-माफियाओं के सामने बौना बना प्रशासन


  • सुप्रीमकोर्ट के आदेश एवं शासन का शासनादेश की हुआ अर्थहीन

टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों।
कुशीनगर । सुप्रीम कोर्ट के आदेश व शासन के शासनादेश के बावजूद भी  ग्रामीण इलाको में स्थित जल संचयन स्रोतों का अस्तीत्व खतरे मंे है। इधर भू-माफियाओं में इन पर कब्जा करने की होड़ लगी हुई है। मिट्टी पटाइ का कार्य कर जहा कब्जाधारी इनके पोखरों व तलाबों का अस्तीत्व मिटाने का कार्य कर रहे हैं वहीं इन कब्जाधारियों के सामने प्रशासन बौना बना हुआ है।

ज्ञातव्य हो कि क्षेत्र पंचायत कप्तानगंज के ग्राम सभा कुन्दूर में जलनिकासी के लिए पोखरी गाटा सं0-345 को भू-माफिया अपने चंगुल में लेकर उस पर मिट्टी भराई का कार्य कर पोखरी के अस्तित्व को मिटाते हुए अबैध कब्जा करने का कार्य किया जा रहा है।

प्रशासन के लोग भी मिट रहे पोखरे के अस्तित्व को देखने के बावजूद उदासीन बने हुए हैं। जिसके कारण आज गांव की स्थिति यह हो गयी है कि मुहल्ले में जगह-जगह गन्देपानी का जमाव हो रहा है, जिससे लोगों के अन्दर संक्रामक विमारियों के फैलने की सम्भावना बनी हुई हैं जिस बात को लेकर यहां के ग्रामीण सुनीलवर्मा, विन्दूकुमार, बाबूराम, बुनारे यादव, पारसनाथ पाण्डेय, राजेश विश्वकर्मा आदि लोगों ने जिलाधिकारी सहित उच्च अधिकारियों को पत्रक सौंप कर पोखरे को मुक्त कराते हुए उसके अस्तीत्व को बहाल करने की मांग किये है।

बताते चले यह उदाहरण मात्र है कुशीनगर ऐसे कई पोखरे है जिनका अतिक्रमण कर उन्हे समाप्त किया जा रहा है। उधर भू-गर्भीय जल संचयन स्रोतों जैसे पोखरा-पोखरी, तालाब व सार्वजनिक कुंओं को भू-माफियाओं की गिरफ्त से तत्काल कब्जा मुक्त कराते हुए उनको पुरानी स्थिति में बहाल करने के लिए मा0 सुप्रीमकोर्ट ने जहा ंनिर्णय दिया था वहीं इसके परिचालन में उ0प्र0 शासन द्वारा भी शासना देश निर्गत कर दिया गया था, इसके बावजूद भी कोर्ट का आदेश व शासनादेश अर्थहीन साबित हो रहा है। बेखौफ होकर भू-माफिया इन जल संचयन स्रोतों पर कब्जा करने का कार्य धड़ल्ले से करते जा रहै। कब्जाधारियों के अन्दर शासन-प्रशासन का जरा भी खौफ दिखायी नहीं दे रहा है।

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