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चार दशक से कुष्ठरोगियों की सेवा में लगा मसीही कलिसिया चर्च

टाईम्स आफॅॅ कुशीनगर व्यूरो।।
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश केे कुशीनगर में बगैर किसी सरकारी सहायता से संचालित मसीही कलिसिया चर्च डेढ दर्जन कुष्ठ रोगियों का इलाज कर रहा है। सेवरही कस्बा स्थित यह चर्च पिछले चार दशकों से कुष्ठरोगियों व गरीबों का इलाज कर स्वस्थ बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने में जुटा हुआ है।
प्रोस्टेटेंट इसाई समुदाय के इस गिरिजाघर ने अब तक करीब 1500 कुष्ठरोगियों को स्वस्थ बना चुका है। यही नही चर्च ने 35 कुष्ठरोगियों को स्वस्थ बनाया ओर उन्हे प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी भी बना चुका है। इस चर्च में बुधवार व शनिवार को इलाज कराने के लिए यूपी व बिहार के अलावा दूर-दूर से कुष्ठरोगी पहुंचते हैं। 
कुशीनगर के तमकुही मुख्य मार्ग पर ब्लाक मुख्यालय सेवरही के बगल में स्थित मसीही कलिसिया चर्च की स्थापना 1975 में द फ्लोशिप आफ द फ्री वैक्ट्री सर चर्चेज इननार्थ इंडिया के तत्वाधान में पी रत्न स्वामी की देखरेख में हुयी। इसका मुख्य उद्देश्य समाज व परिवार से वंचित कुष्ठरोगियों का इलाज व भरण-पोषण करना, गरीब व कमजोर तबके के मरीजों के दवा प्रदान करने के साथ इलाज और उनके बच्चों को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने सहित इसाई धर्म का प्रचार-प्रसार करना है। 
शुरुआत के दिनों में टीनशेड में शुरू हुए इस चर्च में इलाज कराने के लिए कुशीनगर के अलावा संपूर्ण उप्र, बिहार के पश्चिमी चंपारण व गोपालगंज जनपद के सैकड़ों कुष्ठरोगियों पहुंचते रहे। चर्च के चिकित्सक सेवा भाव से इनका इलाज करते हैं। इस अस्पताल को 2014 तक इसाई मिशनरी से सहयोग मिला। 
बताते चले कि चर्च का यह अस्पताल 1980 से 2014 तक मिशनरी से संचालित होता रहा लेकिन अगस्त 2014 से मिशनरी से सहयोग मिलना बंद हो गया। बिना किसी फंडिंग के बावजूद चर्च के तत्कालीन प्रबंधक संजीवचरण अपने सहयोगी रामनरेश के साथ मिलकर दर्जनों कुष्ठरोगियों की दवा व इलाज के साथ भरण-पोषण करने में जुट गए। 
चैरीचैरा गोरखपुर के रहने वाले संजीव के मुताबिक 1980 में 23 वर्ष की उम्र से सेवरही में कुष्ठरोगियों की सेवा में जुटे हैं। मिशनरी का चर्च से 39 साल का करार समाप्त होने के बाद आर्थिक सहयोग बंद होने पर सेवरही कस्बे के प्रमुख फल व्यवसायी ध्रुप व सुगर फैक्ट्ी सेवरही के सहयोग के साथ क्षेत्र से मिलने वाले चंदे से अस्पताल में डेढ दर्जन कुष्ठ रोगियों का इलाज व भरण-पोषण किया जा रहा है। सैकड़ों कुष्ठ व चर्म रोगी बुधवार व शनिवार को अस्पताल पहुंचते हैं। इन्हें चिकित्सक डा. उमेश चंद्र शाही द्वारा मुफ्त में इलाज किया जाता है। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधन में चर्च के माध्यम से गरीब बच्चों को कौशल प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने व कुष्ठ रोगियों की सेवा कर उनका जीवन सुधारना मिशन बन गया है। उन्होनेे बताया कि कुष्ठरोगियों को इलाज कर स्वस्थ बनाने के साथ कौशल प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जाता है। इसके तहत यूपी और बिहार के 35 कुष्ठरोगियों को पूर्णतया स्वस्थ बनाने के साथ प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जा चुका है। संजीव बताते हैं कि साल में एक बार आने वाला क्रिसमस का त्योहार इसाई समुदाय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। हम लोग क्रिसमस को बड़ी धूम-धाम से मनाते है।
संजीव बताते हैं कि साल में एक बार आने वाला क्रिसमस का त्योहार इसाई समुदाय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। हम लोग क्रिसमस को बड़ी धूम-धाम से मनाते है।
By- Ajay Tiwari

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