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पत्रकार उत्पीड़न की घटना को लेकर आन्दोलन के मुड में पत्रकार



टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरों
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के पत्रकारों के खिलाफ प्रशासन द्वारा की गयी कार्रवाई से नाराज कुशीनगर के पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश द्विवेदी के नेतृत्व में सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच कर विरोध प्रर्दशन कर, राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।

इस दौरान अपने संबोधन में श्री द्विवेदी ने कहा कि मिर्जापुर में ही दो पत्रकारों के खिलाफ पुलिस प्रशासन द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।  श्री द्विवेदी ने आगे कहा कि प्रेस की आजादी को दबाने का हिमाकत करने वाले अगर पत्रकारों को त्वरित न्याय नहीं मिला तो आंदोलन की डगर पर चलने से परहेज नहीं कर सकेंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
पत्रकार उत्पीड़न की घटना को लेकर आन्दोलन के मुड में पत्रकार
कुशीनगर के कलक्ट्रेट में उपस्थित पत्रकार 

इस अवसर पर प्रमुख रूप से लाल साहब राव, प्रभुनाथ गुप्ता, फैजूलहक, अशोक सिंह, विद्यासागर सिंह, पारसनाथ पांडे, शम्भू मिश्र, नीरज कुमार श्रीवास्तव, कृष्ण मोहन पांडे, अजय दीक्षित, अरुण कुमार राव, अनिल त्रिपाठी, मनीष कुमार यादव, बृज बिहारी त्रिपाठी, गौतम मुनि तिवारी, कलामुद्दीनअंसारी,शैलेश उपाध्याय, दुर्गेश मिश्र, अभिषेक शाही, राजेश कुमार शुक्ला, फडेन्द्र पान्डेय, सुमंत दूबे, हरिशंकर , रामाशंकर सिंह, महेंद्र, राजेश्वर सिंह अनिल तिवारी, राकेश कुमार गौड़, सुरेंद्र नाथ त्रिपाठी, आदि ने ग्रापए के जिलाअध्यक्ष ओम प्रकाश द्विवेदी की अध्यक्षता में राज्यपाल को सम्बोधित डीएम को सौंपे ज्ञापन में कहा है कि उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जनपद के जमालपुर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय शिवपुर में गत 22 अगस्त को मिड डे मील में छात्रों को नमक रोटी दिए जाने संबंधित मामला प्रकाश में आने पर वहां के पत्रकार ने उसे प्रकाशित किया था।

जिससे जिला प्रशासन ने गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लिया पत्रकारों के प्रति प्रशासन का यह रवैया निन्दनीय है। पत्रकारो ने मांग किया है कि इस मामले में प्रकरण की निष्पक्ष न्यायिक जांच कराई जाए न्यायिक जांच निष्पक्ष तभी हो सकती है।  जब जिलाधिकारी व मुख्य विकास अधिकारी का स्थानांतरण वहां से कराया जाए, क्योंकि इनके वहां रहने से जांच पूरी तरह प्रभावित हो सकती है संबंधित पत्रकार पवन कुमार के खिलाफ दर्ज मुकदमा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का आदेश देकर प्रेस को बरकरार रखा जाए, पूरे प्रकरण की निष्पक्ष न्यायिक जांच होने के उपरांत पाए गए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। वहीं मिर्जापुर जिले के एक अन्य प्रकरण में पत्रकार कृष्ण कुमार सिंह चुनार को समाचार संकलन के समय पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में आकार और पोस्टमार्टम हाउस के बाहर पीड़ित के परिजनों द्वारा पिटाई कर दी गई । क्योंकि वह वहां समाचार संकलन कर रहे थे और मामला कुछ गंभीर था। इस मामले में पुलिस ने पत्रकार की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने सुसंगत धाराओं में दर्ज कर लिया है ,लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है मांग किया है कि तत्काल आरोपियों को गिरफ्तार कर पत्रकारों के मामले में उसे न्याय दिलाया जाए,। 
पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं को लेकर आक्रोशित पत्रकारों ने कहा कि प्रशासन किसी भी पत्रकार के खिलाफ अगर कार्रवाई करने का कार्य करता है तो पत्रकार कलम बंद हड़ताल भी चालू कर देंगे क्योंकि चैथे स्तंभ की आवाज को दबाना प्रशासन का गलत रवैया है और संविधान के भी विरूद्ध है।

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