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कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को मिली स्वीकृति



 खुलेंगे रोजगार के अवसर, बढ़ेगा पर्यटन उद्योग

टाइम्स ऑफ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर। भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में बनने वाले हवाई अड्डे को अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डे के रूप केंद्रीय मंत्रिपरिषद की बैठक में घोषणा होने के बाद प्रदेश में बधाइयाँ दी जाने लगी है।

एक तरफ जहाँ मुख्‍यमंत्री ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा कि वह हृदय से कुशीनगर अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे को स्वीकृति देने के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय कैबिनेट के आभारी हैं।  वही कुशीनगर के सांसद विजय दुबे ने भी प्रेसवार्ता कर अपने इस संदेश से अवगत कराया।

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन वर्ष के अंदर दो नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट, पश्चिम में जेवर और पूर्व में भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में एयरपोर्ट की स्वीकृति मिलना प्रदेशवासियों के लिए सुखद है।  इसके साथ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय मंत्रिपरिषद को धन्‍यवाद देते हुए उन्‍होंने कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनने से  निश्चित तौर पर विकास की अपार सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास को नई गति देने में कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की नई भूमिका होगी। उन्‍होंने विश्वास व्‍यक्‍त किया कि इससे कुशीनगर को दक्षिण-पूर्व एशिया के उन सभी देशों से जोड़ा जा सकेगा जो भगवान बुद्ध से अपना आत्मीय सम्बंध जोड़ते हैं। एयर कनेक्टिविटी मिलने से लोग आसानी से यहां आ सकेंगे और पर्यटन की सम्भावनाएं विकसित होंगी।

ज्ञात हो कि भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर में बनने वाले अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे  के शुरू होने के बाद एक तरफ रोजगार के अवसर सृजित होंगे वही विशेष तौर पर थाईलैण्ड, सिंगापुर, लाओस, कम्बोडिया, जापान, कोरिया, श्रीलंका आदि देश के बौद्ध अनुयायी एयरपोर्ट के माध्यम से आसानी से पहुंच सकेंगे।जिसका सीधा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ेगा। 

इसके साथ साथ अन्य स्थल जो बौद्ध सर्किट से जुड़े है वहा भी पर्यटक आसानी से पहुच सकेंगे । जिसमे प्रमुख रूप से कुशीनगर, कपिलवस्तु, सारनाथ और श्रावस्ती में ही भगवान बुद्ध ने जीवन के सर्वाधिक समय चातुर्मास व्यतीत किए। कौशाम्‍बी और संकिसा जैसे  महत्वपूर्ण स्थल उत्तर प्रदेश में होने के नाते पर्यटन उद्योग को विशेष लाभ होगा। 

 पहले इन स्थानों से होगी उड़ाने

कुशीनगर अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा से पहले चरण में म्यांमार, बैकॉक, सिंगापुर, भैरहवा, काठमांडू के लिए उड़ानें शुरू करने की योजना है। अगले चरण में श्रीलंका, कोरिया, भूटान, जापान और बुद्ध सर्किट के अन्‍य देशों के लिए भी उड़ानें शुरू होंगी। क्योंकि इन देशों से बड़ी तादाद में बौद्ध पर्यटक भारत आते हैं। हवाई अड्डा पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन संभावनाओं को बढ़ावा देगा। यह क्षेत्र पूरी दुनिया से तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों को आकर्षित करता है। 

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने लखनऊ में 2018 में आयोजित इन्वेस्टर समिट में  कुशीनगर हवाई पट्टी को अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद तीन सितंबर 2018 को कारगो की छह सदस्सीय टीम ने हवाई पट्टी का निरीक्षण भी किया था। छह सीटर विमान से आई इस टीम ने  हवाई अड्डे के व्यवसायिक उपयोग की संभावनाओं को टटोला था। तैयारियों से संतुष्ट दिखे कारगो के जनरल सेक्रेटरी ने कुशीनगर हवाई अड्डा को हवाई यात्रा के अतिरिक्त व्यवसायिक हब बनाने की बात भी कही थी। उनका कहना था कि एअरपोर्ट के बन जाने से नेपाल के अलावा भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को परिवहन सुविधा का लाभ मिलेगा।

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