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नारायणी का कहरः अपने ही हाथों बनाये आशियानों का उजाड़ने लगे लोग

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नारायणी नदी एपी तटबन्ध के अंतिम छोर पर बसे गांव अहिरौलीदान के कचहरी टोला को अपने आगोश में लेने के लिए कटान करती जारही है। चार दिनों से कटान कर रही नारायणी का रुख अभी कम होता नहीं दिख रहा है। इधर कटान से भयभीत ग्रामीण अपनी झोपड़ी को उजाड़ ट्रैक्टर-ट्राली पर लाद कर पलायन करने लगे है।जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह नदी का डिस्चार्ज डिस्चार्ज घट कर 86 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया, जबकि दो दिन पूर्व यह आंकड़ा 1.23 लाख क्यूसेक था। जलस्तर में भी 45 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई जलस्तर शनिवार को 75.75 मीटर दर्ज था, जो रविवार को 75.45 पर पहुंच गया। नदी खतरा के निशान 76.20 मीटर से 85 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। इससे बांध के संवेदनशील स्थानों नदी का दबाव बढ़ गया है। अहिरौलीदान के चीतू टोला, कचहरी टोला व डीह टोला नदी के निशाने पर हैं। चीतू टोला में नदी का रुख अब पक्के घरों की ओर हो गया है। कटान से सहमे ग्रामीण अपना आशियाना उजाड़ रहे है। नदी का रौद्र रुप देख अपने ही हाथों अपना आशियाना उजाड़ दूर बसने के लिए पलायित हो रहे हैं, जबकि पक्के मकान भी तोड़े जाने की तैयारी चल रही है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बीपी सिंह ने बताया कि कटान वाले स्थानों पर विभाग द्वारा बचाव कार्य तेजी से कराया जा रहा है तो कटान के जद में आने वाले ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर भिजवाया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद जारी है। बांध को क्षति न पहुंचे, इसके लिए संबंधित विभाग के अभियंताओं को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। उन्होने बताया कि ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तहसील प्रशासन को निर्देशित किया गया है।

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