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कुशीनगर । केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी (क्षय) रोग मुक्त भारत बनाने का सपना साकार करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग एसीएफ (एक्टिव केस फाइंडिंग) योजना का शुरूआत करने वाला है।
टीबी से फाइटिंग के लिए बनाई गई इस योजना में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ स्वास्थ्य विभाग उन रोगियों की काउंसिलिंग कर जांच और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगा, जो स्वेच्छा से सरकारी टीबी क्लीनिक नहीं जाते है। ऐसे रोगियों का इलाज करने वाले निजी डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) एक ऐसी बीमारी है, जो किसी भी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह तक खांसी आने पर भी जकड़ लेती है। समय पर इलाज न होने के कारण इसका दुष्प्रभाव बढ़ता जाता है और धीरे-धीरे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से स्थिति कई बार जानलेवा भी हो जाती है। डॉक्टर भी मानते हैं कि यह ऐसा संक्रामक रोग है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। 

ऐसे में कुशीनगर जनपद टीबी के मामले में बेहद संवेदनशील है। इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए भारत सरकार ही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन भी गंभीर है। प्रत्येक सरकारी अस्पताल में ऐसे रोगियों की मुफ्त जांच और इलाज की व्यवस्था की गई है।  इस खतरनाक बीमारी के उन्मूलन के लिए कुशीनगर में भी जल्द ही एक्टिव केस फाइंडिंग योजना शुरू की जाने वाली है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम बनाई जाएगी, जो सर्वे करके ऐसे मरीजों की तलाश कर उनकी जांच और समुचित इलाज की व्यवस्था कराएगी। इस टीम में एसटीएस (सीनियर ट्रिटमेंट सुपरवाइजर) और एसटीएलएस (सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर) भी होंगे।

इस सम्बन्ध में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीपी नरसरिया ने बताया कि कुशीनगर में जल्द ही यह स्कीम शुरू होने वाली है। एसटीएस और एसटीएलएस के साथ डब्ल्यूएचओ के सदस्य भी टीम में होंगे, जो मरीजों का सर्वे कर उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएंगे। ऐसे मरीजों की जांच के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे जेडएन माइक्रोस्कोपी और एफएम माइक्रोस्कोपी के अलावा सीबी नॉट मशीन भी उपलब्ध है। टीबी के रोगियों का इलाज करने वाले निजी डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इधर भारत सरकार ने 2025 तक टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि डॉट्स इस मर्ज की सबसे कारगर दवा है। यह दवा नियमित लेने वाले मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं।

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