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कुशीनगर में एक ऐसा इन्सान है जिसका दिल धड़कता वायी ओर

टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक ऐसा इन्सान है जिसके शरीर की भीतरी बनावट आम इन्सानों से विपरीत है। समान्यतः सभी इन्सानों का दिल वायी ओर धड़कता है लेकिन इस इन्सान का दिल दायी और धड़कता है।

यही नही उनके शरीर में लिवरगॉल ब्लैडर बाईं तरफ हैं। इसके बाद शरीर में उनके जरा भी परेशानी नहीं है। चिकित्सक भी इसकी शारीरिक बनावट को लेकर काफी हैरान हैं। देखने में समान्य इन्सानों की तरह दिखने वाले इस व्यक्ति के आंतरिक अंगों के वास्तविक स्थित का खुलाशा उस समय हुआ जब इसे पेट में दर्द हुआ। 

जलालुद्दीन 
जानकारी के अनुसार कुशीनगर जिले में पडरौना निवासी जमालुद्दीन पहली नजर में सामान्य दिखते हैं, लेकिन वह समान्य नहीं हैं। उनके शरीर के लगभग सभी अंग समान्य लोगों की अपेक्षा विपरीत स्थिति में हैं। उनका दिल दाहिनी तरफ धड़कता है और उनके जिगर (लिवर) और पित्ताशय (गॉल ब्लैडर) बाईं ओर हैं। समान्य शरीर में दिल बायीं तरफ व लिवर व पित्त की थैली दायीं तरफ होती है। 

आश्चर्य की बात तो यह है कि इस व्यक्ति के शरीर में सिर्फ तीन अंग ही नहीं, बल्कि सारे अंग उल्टी तरफ हैं। सामान्य जीवन जी रहे जमालुद्दीन के पेट में समान्य दर्द होने पर जब उन्हें गोरखपुर के एक डॉक्टर के पास ले जाया गया तो जमालुद्दीन की एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखकर डॉक्टर दंग रह गए। यहां के प्रख्यात बेरियाट्रिक लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. शशिकांत दीक्षित ने बताया कि इनके पित्ताशय में पथरी मिली। इनका पथरी निकालना बेहद मुश्किल रहा। इनका पित्ताशय बाईं ओर स्थित है। हमें सर्जरी करने के लिए तीन थ्री डी लेप्रोस्कोपिक मशीनों की मदद लेनी पड़ी। ऑपरेशन के बाद जमालुद्दीन अब ठीक हो रहे हैं।

डॉ. दीक्षित ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सभी अंग गलत दिशा में हैं, यह हमारी जानकारी में अपनी तरह का पहला मामला है। हालाकि इससे पहले 1643 में किसी व्यक्ति के सभी अंग गलत दिशा में होने का मामला प्रकाश में आया था। इस तरह के व्यक्तियों का इलाज मुश्किल है, ऐसे में खासकर जब सर्जरी की आवश्यकता होती है। डॉ. दीक्षित के अनुसार, लाखों लोगों में यह जन्मजात स्थिति किसी एक के साथ होती है। डॉ. दीक्षित के अनुसार, जींस में गड़बड़ी की वजह से शरीर में सारे अंग जन्मजात उल्टी तरफ हो जाते हैं। इनका इलाज भी मुश्किल होता है। ऐसे लोगों में हृदय रोग की आशंका सामान्य की अपेक्षा ज्यादा होती है।

1643 में प्रकाश में आया था पहला मामला
समान्य इन्सान के शरीर के सापेक्ष अंगो के विपरीत स्थिति में पाये जाने का पहला मामला  1643 में मार्का आरेलियो के पास आया था। अमेरिकी गायक व हीरो डोनी आस्मंड के शरीर में अपेंडिक्स बायीं तरफ था, जो सामान्य अवस्था में दायीं तरफ होता है। बाद में पता चला कि उनके शरीर के सभी अंग जन्म से ही उल्टी तरफ थे। ऐसे मामलों में लोगों का इलाज करना मुश्किल हो जाता है, वो भी तब, जब उन्हें सर्जरी की आवश्यकता होती है। 

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