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कुशीनगर की जमीं पर नही मिले 234 मदरसे, हवा में हो रहा था संचालन


टाईम्स आफ कुशीनगर
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में 234 मदरसें ऐसे है जो जमीन पर नहीं मिले, यें मदरसे अब तक हवा में संचालित हो रहे थे। मदरसों के स्थायित्व का यह खुलाशा कुशीनगर जिलाधिकारी आंद्रा वामसी के द्वारा 160 अधिकारियों को लगा कराये गये जांच में हुआ है। जिससे सभी मदरसों की पोल ही खुल गयी है। बताया जा रहा है कि मदरसों में 2012 के बाद गई भेजी गयी धनराशि की जांच अभी जारी है।  जानकारी के अनुसार कुशीनगर के 1125 मदरसों की जांच के बाद आई रिपोर्ट से मदरसा से जुड़े लोगों में दहशत का माहौल बन गया है। रिपोर्ट के अनुसार 159 मदरसों की मान्यता उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद से दी गयी है। 966 मदरसों की मान्यता जिले स्तर से जारी की गयी है। मदरसे का लोकेशन, चैहद्दी मानक  के अनुसार 74 मदरसे नहीं मिले हैं। जिले में 25 मदरसों को प्रदेश सरकार से अनुदान मिलता है। जबकि 468 मदरसों को आधुनिकीकरण स्कीम के तहत भारत सरकार व प्रदेश सरकार से मिलने वाले मानदेय से विज्ञान, गणित व अंग्रेजी के शिक्षक नियुक्त हैं। 657 मदरसों को कोई सुविधा नहीं मिलती है।
इसी प्रकार से जिले के 53 मदरसों को छात्रवृत्ति मिलती है। 1072 मदरसों में किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति नहीं दी गयी है। 32 मदरसों में सांसद व विधायक निधि से भवन निर्माण को धनराशि मिली है। 1125 मदरसों में से 234 मदरसे जमीन पर नहीं है। जबकि मात्र 891 मदरसे संचालित मिले हैं। जांच में 183 ऐसे मदरसे हैं इन मदरसों में शौचालय व मूत्रालय का निर्माण ही नहीं हुआ हैं।
बताते चले कि 2012 के बाद मदरसों में भारत सरकार व प्रदेश सरकार की गई छात्रवृत्ति सहित अन्य अनुदान की जांच अभी जारी है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी।
इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने बताया कि 1125 मदरसों की जांच 160 अधिकारियों से करायी गयी। जांच रिपोर्ट के अनुसार 234 मदरसें जमीन पर नहीं मिले हैं। इन सभी के खिलाफ एफआईआर होगा। मदरसों की मान्यता निरस्त के साथ काली सूची में डाली जाएगी ताकि भविष्य में दोबारा मान्यता न ले सकें ।


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