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कुशीनगर के लोग खा जाते है प्रति बर्ष 140 लाख क्विन्टल मछली





  • मध्य प्रदेश तक होती है कुशीनगर के मछली बीजों की आपूर्ति
  • 7 से 8 करोड़ प्रति बर्ष होती पैदावार


टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में लगभग 140 लाख क्विन्टल मछली की हर बर्ष खपत हो जाती है। जिसमें अकेले कुशीनगर 30 हजार क्विन्टल मछलियों का उत्पादन करता है। यही नही मछली के बच्चों के प्रजन्न के मामले में भी कुशीनगर शीर्ष स्थान पर है। मछली के छ प्रजातियों के बच्चों का कुशीनगर में 7 से 8 करोड़ प्रजन्न होता है। 

मछली के बच्चों को कुशीनगर ही नही प्रदेश के अधिकांश जनपदों सहित पड़ोसी प्रान्त विहार, मध्य प्रदेश, राज्यस्थान, गुजरात सहित कई प्रदेश में आपूर्ति दी जाती है। इसके लिए कुशीनगर में 32 हैचरियां स्थापित है। जिनसे 7- 8 करोड़ बच्चे प्रति बर्ष पैदा किये जाते है। जिसमें तीन करोड़ बच्चों की खपत कुशीनगर में ही हो जाती है। इसके सापेक्ष मछली उपभोग के मामले में कुशीनगर निवासी करीब 140 लाख क्विन्टल मछली का उपभोग करते है।

मतस्य उद्योग को बढ़ावा देने के लिए चलायी जारही योजनाओं के साथ कुशीनगर जनपद में तीन करोड़ बच्चों के रख रखाव के लिए करीब 100 तालाब है जों 35 से 40 हेक्टेयर में फैले हुए है। वहीं इन्हें बड़े होने पर जिले के 1200 छोटे बड़ें तलाबों में भेज दिया जाता है। मछलियों के उत्पादन में 17 सहकारी समितियां भी लगी है। जहां इन्हें पोस्टिक अहार देकर 3 से 4 माह में बेच दिया जाता है। कुशीनगर में मछली के शैकिनों पर गौर करे तो एक आकड़े के मुताबिक औसतन प्रति बर्ष प्रत्येक व्ययस्क व्यक्ति 4 किलों मछली का उपभोग करता है। इसमें बच्चें का औसत अलग है।

आज कल कुशीनगर के तलाबों में मछली की छः प्रजातिया रोहू, भाकूर, नैन, सिल्वर कार्प, ग्रास कार्प, कामन कार्प ही पाली जाती है। जिनकी इतनी मांग है कि तलाबों से निकलने के बाद लोग इन्हें हाथों-हाथ खरीद लेते है। ऐसे तो कुशीनगर के पाॅच तहसील क्षेत्रों में स्थित बाजारों पर गौर करे तो करीब प्रतिदिन 3 से 4 हजार क्विन्टल मछली का उपभोग कुशीनगर के लोग करते है। पडरौना नगर एक मछली व्यवसायी राजन का कहना है कि करीब 10 से 20 क्विन्टल मछली प्रतिदिन खपत हो जाती है। करीब 100 में 90 लोग मछली का उपभोग करते है। ऐसे दर्जनों बाजार है जहां प्रति दिन न्यूनतम 10 क्विन्टल मछली का विक्री हो जाती है ।

वही इस सम्बन्ध में सहायक मतस्य निदेशक अमरेश चन्द श्रीवास्तव ने बताया कि कुशीनगर में 750 हेक्टेयर भूमि में प्रति हेक्टेयर 35 से 40 क्विन्टल प्रति वर्ष मछली का उत्पादन किया जाता है। जो तलाबों से निकालते समय ही हाथों-हाथ बिक जाता है। मजबूरन मछली विक्रेताओं को बाहर से मछली मंगानी पड़ती है। 






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