प्रधानमंत्री ने फोन पर कुशीनगर के भुलई भाई का जाना हाल,
- मन कर दिया कि बात करुं और संकट काल में आशीर्वाद लूं -प्रधानमंत्री
- भुलई भाई से फोन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लिया आशीर्वाद
टाइम्स ऑफ कुशीनगर ब्यूरो।
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नेबुआ नौरंगिया से पूर्व विधायक रहे नारायन जी उर्फ भुलई भाई से बुधवार को फोन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आशीर्वाद लिया।
जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय से की गई कॉल, भुलई भाई के पौत्र अनूप चौधरी के मोबाइल पर बुधवार को सुबह 8:30 बजे आई जिसे भुलई भाई के दूसरे पौत्र कन्हैया चौधरी ने रिसीव किया।
काल का दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी ने उनसे पूछा, 'नारायण जी से बात हो सकती है...।' आप कौन हो ? कन्हैया ने कहा, ' मैं उनका नाती हूँ, बिल्कुल हो सकती है।' यह कहते हुए उन्होंने भुलई भाई को मोबाइल दे दिया। कन्हैया ने जब अपने बाबा को बताया कि फोन पर दूसरी तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं तो भुलई भाई की खुशी का ठिकाना न रहा।
पीएम से फोन पर बात करते भुलाई भाई |
भुलई भाई के फोन पर आते ही दूसरी तरफ से प्रधानमंत्री ने उन्हें प्रणाम किया। उन्होंने उनका हालचाल जाना और कहा कि बहुत सालों से उनसे बात-मुलाकात नहीं हो पाई। आज मन कर दिया कि बात करुं और संकट काल में आशीर्वाद लूं। उन्होंने कहा आपने तो शताब्दी देखी है। 106 वर्ष में तो आपने पांच पीढ़ियां देखी होंगी।
इधर से भुलई भाई ने अपना हाल बढिया बताते हुए प्रधानमंत्री की तारीफ की। उन्होंने कहा कि आपकी कृपा से सब ठीक चल रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि ईश्वर आपको यशस्वी बनाए और जब तक स्वस्थ रहें देश का नेतृत्व करें। प्रधानमंत्री ने कहा कि बस आपका आशीर्वाद है, अच्छा करूं, आप लोगों से जो सीखा है वो देश के काम आए। प्रधानमंत्री ने भुलई भाई की तबीयत का हाल जाना और कहा कि परिवार में भी सभी को उनका प्रणाम कह दें। बहुत साल हो गए उन्हें देखा नहीं है लेकिन सबको प्रणाम कह दें।
आईये जाने कौन है ये भुलई भाई
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में स्थित थाना रामकोला के पगार छपरा गांव में एक गरीब परिवार में आज से करीब 106 वर्ष पूर्व नारायण उर्फ भुलई भाई का जन्म हुआ था। ये दो भाई है जिसमे एक का नाम भुटाई है। इनके पिता पाखंडी खेती किसानी किया करते थे । इन्होंने कुछ वर्षों तक प्राइवेट टीचर के रूप शिक्षण कार्य किया। इसी दौरान इन्होंने ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ा और जीत गये। उसके बाद से इनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। ये जनसंघ के जमाने से भाजपा से जुड़े रहे और काफी संघर्ष किया ।
भुलई भाई 1974 से 1977 और 1977 से 1980 तक कुशीनगर की नेबुआ नौरंगिया सीट से जनसंघ के विधायक रहे। इमरजेंसी में वह कई महीनों तक जेल में भी रहे।
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