टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर । छत्तीसगढ की तरह स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही अब उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में भी दिखने लगी है। दो घण्टे में 42 नसबन्दियों के आपरेशन के बाद उन्हंे सीढि़यों पर लिटा देने के मामले को लेकर प्रशासन हरकत में आ गया है। जाॅच पर जाॅच होनी शुरू हो गयी।
जिला प्रशासन के इस हरकत से स्वास्थ्य महकमा दहशत में है। जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी उप जिलाधिकारी स्थास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रों पर जाॅच शुरू कर दिये है। खामियों पर कर्मचारियों को फटाकार भी मिलनी शुरू हो गयी है।

कुशीनगर के हाटा एसडीएम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। इसमें तीन डॉक्टरों सहित छह स्वास्थ्य कर्मचारी गैरहाजिर मिले। इस पर एसडीएम ने नाराजगी जताई। एसडीएम अरुण कुमार सुबह लगभग साढ़े दस बजे हाटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का हाल जानने एका एक वहां पहुंचे गए। बगैर किसी सूचना के स्वास्थ्य केंद्र पर एसडीएम के पहुंचने पर वहां खलबली मच गई।
वही नेबुआ नौरंगिया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर शनिवार को पहुंचे उप जिलाधिकारी व कार्यवाहक मुख्य चिकित्साधिकारी ने भी निरीक्षण किया। चिकित्सालय में दिख रही खामियों को दूर करने का निर्देश देते हुए चिकित्सकों को फटकार लगाई। यह वही चिकित्सालय था जहां बीते गुरुवार को स्वास्थ्य केंद्र पर 2 घंटे के अंदर 42 महिलाओं की नसबंदी करने के बाद सीढि़यों एवं भूमि पर लिटा दिया गया था। जिसको लेकर सदर उपजिलाधिकारी सचिन कुमार सिंह, नायब तहसीलदार पवन जायसवाल, प्रभारी सीएमओ डा. एके झा की टीम पहुंच गयी थी। अस्पताल परिसर की साफ सफाई, दवा का रख रखाव तथा बरामदे में ड्रिप लगवा रहे मरीजों को देख तुरंत इमरजेंसी कक्ष बनवाने का निर्देश दिया गया। खामियां मिलने पर कर्मचारियों तथा प्रभारी चिकित्साधिकारी को फटकार लगाई। प्रशासन द्वारा चिकित्सालयों की जाॅच को लेकर स्वास्थ्य महकमें में हड़कम्प मची हुयी है। स्वास्थ्य कर्मी दहशत में है कि कही कोई घटना न घट जाय और प्रशासन की यह जाॅच और तेज हो जाये।
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