गुरुवार, 28 मार्च 2013

होली पर रंग और गुलाल से नहा उठी बुद्ध की धरती



जोगिरा व फाग गीतों के साथ ढ़ोलक के थाप पर थिरकते रहे लोग

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में छिट-फूट हुड़दंग के साथ हिन्दु आस्था के प्रतीक होली का पर्व गुरूवार को लोगों ने धूम-धाम से मनाया। पूरे दिन सरर.....सरर..... के वोल व जोगिरा के साथ फाग की गीतों की मस्ती में लोग थिरकते रहे।  

गुरूवार को रंगों के इस त्यौहार पर भगवान बुद्ध की नगरी कुशीनगर में अबीर, गुलाल के साथ रंग भरी पिचकारियाॅ लिए बच्चें, जवानों के साथ बृद्ध हो चले लोगों ने भी बढ़ चढ़ कर अपनी भागिदारी दर्ज करायी।

गांव हो या कस्बा सभी जगह मस्ती में जूझ रहे मतवाले अपने हित मित्रों के साथ अबीर गुलाल लगाकर होली की शुभ कामना देते देखे गये। कही कोई मस्ती में खोये हुए रंगों में नहा रहा था तो कही कोई अबीर से लतफत जागिरा के बोल बोल रहा था। ऐसी ही युवतियो ने भी होली के इस पर्व में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

इस समय ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गयी थी मानों वह चाहे कुशीनगर का पडरौना नगर हो या विहार की सीमा पर स्थित सेवरही या देवरिया के सीमा पर कसया या यू कहे कि कुशीनगर की पूरी धरा रंगों में नहा गयी हो और उपर से अबीर और गुलाल के साथ सौहार्द का संदेश दे रही हो ।

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.................................TIMES OF KUSHINAGAR