गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019

ट्रेन-से-कुद-कर-एक-महिला-दी-जान

टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर। इलाज कराने जा रही एक महिला कुशीनगर के गौरीश्रीराम हॉल्ट रेलवे स्टेशन के समीप ट्रेन से कूद गयी । इससे उसकी मौत हो गई है।
जानकारी के अनुसार ग्राम सभा महुअवा थाना कुचायकोट जिला गोपालगंज बिहार निवासी रबेया पुत्री नूर मोहम्मद 25 वर्ष अपने माता पिता के साथ गोरखपुर डाक्टर के यहां इलाज कराने थावे से गोरखपुर जाने वाली पैसेंजर ट्रेन से जा रही थी।
कि गौरीश्रीराम रेलवे स्टेशन से 200 मी पहले शौच के लिए शौचालय में गयी और वापस आकर गेट पर खड़ी थी। इस दौरान वह अचानक अपनी मां को धक्का देकर ट्रेन से कूद गयी। शोर मचाने पर लोगों ने वैकुम कर ट्रेन को रोक दिया। परिजनों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया।
मृत महिला के मुंह में चोट लगी थी। परिजन का कहना है की यह मंदबुध्दि की थी। इसकी शादी 7 वर्ष पहले भितहा थाने के बैरटवा में हुई थी। मगर ससुराल वाले उसे पागल करार देकर छोड़ दिये थे । जिसका इलाज कराने के लिए गोरखपुर ले जाया जा रहा था। 

कुशीनगर में दाॅत से विजली का तार काट रहे सात वर्षीय वालक की मौत

टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में दाॅत से विजली का तार काट रहे एक सात वर्षीय वालक की करन्ट लगने से मौत हो गयी। परिजनों ने इस घटना के लिए विद्युत विभाग को दोषी ठहराते हुए विभाग से मुआवजे की मांग की है। 
जानकारी के अनुसार कुशीनगर की यह घटना उस समय घटी जब खड्डा थाना क्षेत्र के ग्रामसभा कोपजंगल में गुरूवार को दोपहर के समय उक्त गांव निवासी श्रीराम राजभर के परिवार के लोग अपने कार्य में व्यस्त थे। इधर श्रीराम का छोटा वेटा रंजीत उम्र 7 वर्ष बिजली नहीं होने पर वह बिजली का तार दांत से काट रहा था। इसी दौरान अचानक तार में करंट आ गया, जिससे वह तार में चिपक गया। घर के लोग मौके पर पहुंच अभी उसे तार से छुड़ा पाते कि तब तक रंजीत की दर्दनाक मौत हो गयी।
ज्ञात हो कि घर की माली हालत ठीक नहीं होने के चलते श्रीराम राजभर दिल्ली जाकर इधर उधर मजदूरी कर परिवार का पालन पोषण करते हंै। कुछ दिन पूर्व रंजीत घर के किसी सदस्य को मुंह से बिजली का तार काटकर बोर्ड में लगाता हुआ देखा था। इस देख घर में कोहराम मच गया। वहीं इस घटना के बाद मां का रो रोकर बुरा हाल है। बताया जा रहा है कि मृतक रंजीत गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में पढता था। घटना से आहत परिजनों ने इसके लिए विद्युत विभाग को जिम्मेदार ठहराते हुए विभाग से मुआवजे की मांग की है। 

मजदूरों से भरी छोटी नाव नारायणी नदी में पलटी,


एनडीआरएफ की सक्रियता से बाल-बाल बचे मजदूर
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर। नारायणी नदी को पार करते समय मजदूरों से भरी नाव बीच धारा में पलट गयी। जिसमें तीन मजदूर डूबने लगे, जिसको देखते हुए हरकत में आयी एनडीआरएफ की टीम ने अपनी नाव से पहुच कर तीनों मजदूरों को डूबने से बचा लिया। 
कुशीनगर की यह घटना तमकुहीराज तहसील क्षेत्र में नारायणी नदी के अमवा खास तटबंध के किमी 8.4 के समीप बुधवार के दिन दोपहर में जब मजदूर नारायणी नदी को पार कर रहे थे, और लोगों की नाव बीच मझधार में पलट गई। 
इन दिनों नारायणी नदी पूरे उफान पर है। इससे तटबंध के किनारे बसे लोगों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़रहा है तो वहीं बिहार से यूपी और यूपी से बिहार आने वाले खेतिहर मजदूरों को जान हथेली पर रखकर आना-जाना पड़ रहा है। बिहार प्रांत के श्रीनगर ठकरहा निवासी बृजकिशोर यादव, धूमनगर निवासी बाबूलाल और उमा स्थानीय टोला निवासी प्रभुनाथ यादव एक छोटी नाव पर सवार होकर नदी पार कर रहे थे। नाव अभी बीच नदी में ही पहुंची थी कि नाव का संतुलन बिगड़ गया। अभी सवार तीनों लोग कुछ समझ पाते कि नाव बीच नदी में ही पलट गई और वह डूबने लगे।
घटना को देख अमवा खास तटबंध पर मौजूद लोग चिलाने लगे । जिसको देखते हुए आसपास के लोग मौके पर पहुंच मदद के लिए शोर मचाने लगे। इसी बीच बांध पर कैंप कर रही एनडीआरएफ की टीम ने सक्रियता दिखाई और अपने बोट से नदी के बीच में पहुंच डूब रहे तीनों लोगों को सकुशल वापस निकाल लाइफ जैकेट पहनाकर किनारे ले आए। इस पूरे ऑपरेशन के दौरान टीम का संचालन निरीक्षक डीपी चंद्रा कर रहे थे। उनके साथ निरीक्षक अमोल कुमार, उपनिरीक्षक विक्रम सिंह, सहायक उपनिरीक्षक सेल नाथ राय व अन्य बचाव कर्मियों का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा। 

कुशीनगर में एक ऐसा इन्सान है जिसका दिल धड़कता वायी ओर

टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में एक ऐसा इन्सान है जिसके शरीर की भीतरी बनावट आम इन्सानों से विपरीत है। समान्यतः सभी इन्सानों का दिल वायी ओर धड़कता है लेकिन इस इन्सान का दिल दायी और धड़कता है।

यही नही उनके शरीर में लिवरगॉल ब्लैडर बाईं तरफ हैं। इसके बाद शरीर में उनके जरा भी परेशानी नहीं है। चिकित्सक भी इसकी शारीरिक बनावट को लेकर काफी हैरान हैं। देखने में समान्य इन्सानों की तरह दिखने वाले इस व्यक्ति के आंतरिक अंगों के वास्तविक स्थित का खुलाशा उस समय हुआ जब इसे पेट में दर्द हुआ। 

जलालुद्दीन 
जानकारी के अनुसार कुशीनगर जिले में पडरौना निवासी जमालुद्दीन पहली नजर में सामान्य दिखते हैं, लेकिन वह समान्य नहीं हैं। उनके शरीर के लगभग सभी अंग समान्य लोगों की अपेक्षा विपरीत स्थिति में हैं। उनका दिल दाहिनी तरफ धड़कता है और उनके जिगर (लिवर) और पित्ताशय (गॉल ब्लैडर) बाईं ओर हैं। समान्य शरीर में दिल बायीं तरफ व लिवर व पित्त की थैली दायीं तरफ होती है। 

आश्चर्य की बात तो यह है कि इस व्यक्ति के शरीर में सिर्फ तीन अंग ही नहीं, बल्कि सारे अंग उल्टी तरफ हैं। सामान्य जीवन जी रहे जमालुद्दीन के पेट में समान्य दर्द होने पर जब उन्हें गोरखपुर के एक डॉक्टर के पास ले जाया गया तो जमालुद्दीन की एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखकर डॉक्टर दंग रह गए। यहां के प्रख्यात बेरियाट्रिक लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ. शशिकांत दीक्षित ने बताया कि इनके पित्ताशय में पथरी मिली। इनका पथरी निकालना बेहद मुश्किल रहा। इनका पित्ताशय बाईं ओर स्थित है। हमें सर्जरी करने के लिए तीन थ्री डी लेप्रोस्कोपिक मशीनों की मदद लेनी पड़ी। ऑपरेशन के बाद जमालुद्दीन अब ठीक हो रहे हैं।

डॉ. दीक्षित ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सभी अंग गलत दिशा में हैं, यह हमारी जानकारी में अपनी तरह का पहला मामला है। हालाकि इससे पहले 1643 में किसी व्यक्ति के सभी अंग गलत दिशा में होने का मामला प्रकाश में आया था। इस तरह के व्यक्तियों का इलाज मुश्किल है, ऐसे में खासकर जब सर्जरी की आवश्यकता होती है। डॉ. दीक्षित के अनुसार, लाखों लोगों में यह जन्मजात स्थिति किसी एक के साथ होती है। डॉ. दीक्षित के अनुसार, जींस में गड़बड़ी की वजह से शरीर में सारे अंग जन्मजात उल्टी तरफ हो जाते हैं। इनका इलाज भी मुश्किल होता है। ऐसे लोगों में हृदय रोग की आशंका सामान्य की अपेक्षा ज्यादा होती है।

1643 में प्रकाश में आया था पहला मामला
समान्य इन्सान के शरीर के सापेक्ष अंगो के विपरीत स्थिति में पाये जाने का पहला मामला  1643 में मार्का आरेलियो के पास आया था। अमेरिकी गायक व हीरो डोनी आस्मंड के शरीर में अपेंडिक्स बायीं तरफ था, जो सामान्य अवस्था में दायीं तरफ होता है। बाद में पता चला कि उनके शरीर के सभी अंग जन्म से ही उल्टी तरफ थे। ऐसे मामलों में लोगों का इलाज करना मुश्किल हो जाता है, वो भी तब, जब उन्हें सर्जरी की आवश्यकता होती है।