सोमवार, 27 मई 2019

कुशीनगर में सात बार काबिज रहने वाली कांग्रेस की विगड़ने लगी स्थिति



टाईम्स आफ कुशीनगर व्यूरो
कुशीनगर। सत्रहवीं लोकसभा चुनाव में भाजपा का कमल एक बार फिर खिल लेकिन कांग्रेस ई के सभी समीकरण विगड़ गये। पडरौना संसदीय सीट से कांग्रेस ने सात बार लोकसभा में जनता का प्रतिनिधित्व किया था। लेकिन पिछले दो चुनावों से काग्रेस ई की स्थिति विगड़ति जा रही रही है।
हालाकि कांग्रेस ई व भाजपा को छोड़ किसी अन्य दल ने लगातार दुसरी बार जनता का प्रति निधित्व लोक सभा में नही किया। कांग्रेस ने प्रमुख रूप से पडरौना सीट पर 1967 में  काशीनाथ पांडेय को उतारा जिन्होनें रामेश्वर (बीजेएस) हराया दिया। फिर 1971 के चुनाव में कांग्रेस ने गेंदा सिंह का उम्मीदवार बनाया, जिन्होने केसी प्रताप नारायण सिंह (बीकेडी) को हराया और 1977- जनता पाटी के रामधारी शास्त्री से गेंदा सिंह यानी कांग्रेस हार गयी।  कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बदला और 1980 के चुनाव में सीपीएन सिंह को उम्म्ीदवार बनाया जिन्होने सिराज अहमद (एलकेडी) को परास्त कर दिया। फिर 1984 में कांग्रेस उम्मीदवार सीपीएन सिंह ने सिराज अहमद (एलकेडी) को हरा दिया। हालात ऐसे हुए कि काग्रेस ने 1989 के चुनाव में केसी प्रताप नारायण सिंह को उम्मीदवार बनाया जिसे जनता दल उम्मीदवार बालेश्वर यादव  ने चित्त कर दिया, और फिर कांग्रेस का कोई ऐसा उम्मीदवार नही आया जो भाजपा के रामनगीना मिश्र को 1991, 1996, 1998, 1999, तक चित्त कर सके। बदलते समय के साथ लोगों का रूझान बदला और वर्ष 2004 के चुनाव में कांग्रेस ने पडरौना के राजकुमार आरपीएन सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया लेकिन नेलोपा उम्मीदवार बालेश्वर यादव परास्त कर दिया।
कांग्रेस ने फिर कमर कसी और वर्ष 2009 में आरपीएन सिंह को उम्मीदवार बनाया और कांग्रेस ने स्वामी प्रसाद मौर्य (बसपा) को बीस हजार मतों से परास्त कर दिया। उसके बाद से मानों कांग्रेस पर आफतो को पहाड़ ही टूट पडा। सात बार लोगसभा में अपना प्रतिनिधित्व करने वाली कांग्रेस, वर्ष 2014 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राजेश पांडेय कोे हराते हराते हार गयीं और 284511 मत पाकर दुसरे नम्बर पर आ गयी। अभी हालात इतने खराब हुए कि बर्ष 2019 के चुनाव में कांग्रेस को 284511 मतांे  के जगह मात्र 146151 मत मिले और कांग्रेस दुसरे नम्बर से तीसरे नम्बर पर खिसक गयी और वर्ष 2009 में भाजपा के उम्मीदवार रहे विजय दूबे (जो तीसरे नम्बर पर रह गये थे) वर्ष 2019 में भाजपा की उम्मीदवारी के साथ 337560 मतो विजयी घोषित हुए। स्थितियां ऐसे बदली की वर्ष 2009 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विजय कुमार दुबे को 162189 इतने मत मिले और वर्ष 2019 के चुनाव में भाजपा उम्मीदवार विजय कुमार दुबे सारे रिकार्ड तोड़ दिया।  हालात ऐसे हुए की कभी तीसरे नम्वर पर रहने वाली भाजपा ने कांग्रेस से उसका पहला नम्बर छीन लिया।
2009 में जब इस जीत के साथ भाजपा यहां के अब तक के लोकसभा चुनाव में दूसरी बार हैट्रिक लगाने वाली दूसरी पार्टी बन गई है। इस अप्रत्याशित चुनाव परिणाम के दौरान गठबंधन जहां भाजपा को मिले मतों के आधे के करीब रहा, वहीं भाजपा के मुकाबले कांग्रेस लगभग एक चैथाई नंबर पर ही गतिमान रही। 
इसी तरह कांग्रेस उम्मीदवार आरपीएन सिंह को जहां लगातार दूसरी बार शिकस्त का मुंह देखना पड़ा है, वहीं अब तक के चुनाव में इस सीट से अपना खाता भी न खोल पाने वाली सपा-बसपा मिलकर भी सीट को नहीं जीत पाईं।
वर्ष 1952 से अब तक हुए यहां के लोकसभा चुनावों पर नजर डालें तो यह सीट सर्वाधिक सात बार कांग्रेस की झोली में गई है। इसमें दो बार आरपीएन सिंह के पिता व पूर्व केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री सीपीएन सिंह ने जीत दिलाई थी, तो एक बार स्वयंरू आरपीएन सिंह यहां से सांसद चुने गए थे। उन्हें पार्टी की ओर से केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। यहां से एक बार पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री गेंदा सिंह भी रहनुमाई कर चुके हैं। कांग्रेस उम्मीदवार ने इस बार भी चुनाव जीतने के लिए पूरा जोर लगा दिया था, लेकिन मुकाबला जीतना तो दूर उन्हें इस दौड़ में तीसरे नंबर पर ही संतोष करना पड़ा।

इसी तरह सपा और बसपा भी कुशीनगर लोकसभा सीट पर अपना खाता खोलने के लिए शुरू से बेताब रहीं। उन्होंने हर चुनाव में एक से बढ़कर एक नेता को इस सीट से अपना योद्घा बनाया, लेकिन वे जनता का भरोसा नहीं जीत पाए। सपा-बसपा से चार बार विधानसभा चुनाव लड़ने के बावजूद जीत हासिल न कर पाने वाले गठबंधन उम्मीदवार नथुनी प्रसाद कुशवाहा को इस लोकसभा चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि इस चुनाव में मतगणना शुरू होने से अंत तक उन्होंने आरपीएन सिंह को पछाड़ते हुए अपना दूसरा स्थान बरकरार रखा। 
इस लोकसभा सीट के लिए हुए अब तक के चुनावों पर नजर डालें तो 1952 में यहां के पहले सांसद रामजी वर्मा चुने गए थे। वह सोशलिस्ट पार्टी से उम्मीदवार थे। उनके बाद 1957 और 1962 में कांग्रेस से काशीनाथ पांडेय सांसद चुने गए थे। अन्य चुनावों में विजेताओं की स्थिति कुछ इस प्रकार है।
कुशीनगर (पडरौना) लोकसभा सीट से अब तक चुने गए सांसद-
वर्ष- जीते प्रत्याशी- प्रतिद्वंद्वी
1967- काशीनाथ पांडेय (कांग्रेस)- रामेश्वर (बीजेएस)
1971- गेंदा सिंह (कांग्रेस)-  केसी प्रताप नारायण सिंह (बीकेडी)
1977- रामधारी शास्त्री (जनता पार्टी)- गेंदा सिंह (कांग्रेस)
1980- सीपीएन सिंह (कांग्रेस)- सिराज अहमद (एलकेडी)
1984- सीपीएन सिंह (कांग्रेस)- सिराज अहमद (एलकेडी)
1989- बालेश्वर यादव (जनता दल)- केसी प्रताप नारायण सिंह (कांग्रेस)
1991- रामनगीना मिश्र (भाजपा)- बीएन सिंह (जनता दल)
1996- रामनगीना मिश्र (भाजपा)- कासिम अली (सपा)
1998- रामनगीना मिश्र (भाजपा)- बालेश्वर यादव (सपा)
1999- रामनगीना मिश्र (भाजपा)- बालेश्वर यादव (सपा)
2004- बालेश्वर यादव (नेलोपा)- आरपीएन सिंह (कांग्रेस)
2009- आरपीएन सिंह (कांग्रेस)- स्वामी प्रसाद मौर्य (बसपा)
2014- राजेश पांडेय (भाजपा)- आरपीएन सिंह (कांग्रेस)
2019- विजय कुमार दुबे (भाजपा)- नथुनी प्रसाद कुशवाहा (गठबंधन)

पिछले लोकसभा चुनावों में प्रमुख दलों को मिले वोट-
वर्ष 2009 का चुनाव परिणाम- 
आरपीएन सिंह (कांग्रेस)- 223954
स्वामी प्रसाद मौर्य (बसपा)- 202860
विजय कुमार दुबे (भाजपा)- 162189
ब्रह्माशंकर त्रिपाठी (सपा)- 55223
वर्ष 2014 का चुनाव परिणाम- 
राजेश पांडेय (भाजपा)- 370051
आरपीएन सिंह (कांग्रेस)- 284511
डॉ. संगम मिश्र (बसपा)- 132881
राधेश्याम सिंह (सपा)- 111256
वर्ष 2019 के चुनाव परिणाम 
एनपी कुशवाहा गठबंधन-259479,
आरपीएन सिंह कांग्रेस-146151,
विजय कुुमार दुबे भाजपा-597039,
अमीरुद्दीन अपना दल युनाइटेड-8541,
अरविंद यादव भाकपा (माले) 1406,
उमेश सिंह भारतीय शक्ति चेतना पार्टी 1605,
उस्मान पीस पार्टी 2715,
पीसी कुरील इंडियन नेशनल लीग 3072,
डॉ. गणेश गोंड अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी 1831,
राजीव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी 8454,
राम प्रताप पूर्वांचल महापंचायत 2369,
ललिता अखिल-भारतीय नवनिर्माण पार्टी-2759,
गुड्डी किन्नर निर्द-5881,
शिव कुमार निर्दल- 3518 और
नोटा-8297

रविवार, 19 मई 2019

मतदान का बहिष्कार करने बूथ पहुचें आठ किसान गिरफ्तार

टाइम्स ऑफ कुशीनगर ब्यूरो 
कुशीनगर । लोकतंत्र के महापर्व अवसर पर मतदान का  बहिष्कार करने वाले करीब आठ किसानों को कुशीनगर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 

जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में स्थित बिरला चीनी मिल द्वारा किसानों के गन्ने की पेराई बन्द किए जाने के विरोध में कुशीनगर के तीन गाँवो के किसान नाराज होकर मतदान का विरोध करते हुए मतदान केंद्र पर गन्ना लदी गाड़िया लेकर पहुंच गए। किसानों और बूथ पर तैनात सुरक्षाकर्मियों से झड़प हो गई जिससे अफरा तफरी मच गई। मौके पर पहुंचे डीएम व एसपी ने किसानों को मनाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। जिसको देखते हुए आठ किसान गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना के कारण करीब दो घंटे तक मतदान रुका रहा।

कुशीनगर की यह घटना कुशीनगर विधान सभा के गांव नौका छपरा के बूथ 64-65 व जुड़वनिया के बूथ संख्या 70 की है। यहां कुल दो हजार मतदाता हैं। इन गांवों के किसान गुरुवार व शुक्रवार को गन्ना लेकर चीनी मिल पर गए थे तो उन्हें मिल बन्द होने की जानकारी हुई। मिल ने गन्ना लेने से इंकार कर दिया। ग्रामीणों ने चीनी मिल बंद होने से नाराज होकर चुनाव बहिष्कार की घोषणा करते हुए गन्ना लदे लगभग एक सौ गाड़ियों के साथ बूथ पर रात में ही डेरा डाल दिया। किसानों के इस कदम से प्रशासन सकते में आ गया। किसानों से वार्ता कर उन्हें मनाने पहुंचे ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय असफल होकर लौट गए। जिसके बाद जिलाधिकारी डॉ. अनिल सिंह, एसपी राजीव मिश्र मौके पर पहुंचे। किसानों को गन्ना पेरने का भरोसा दिलाया पर किसान लिखित गारन्टी चाहते थे।

किसान त्रिवेणी चीनी मिल रामकोला को गन्ना सप्लाई करने के लिए सप्लाई टिकट दिए जाने की मांग कर रहे थे। जब कोई बात नही बनी तो जिलाधिकारी ने किसानों को गिरफ्तार करा दिया और मतदान शुरू कराया।
लोकतंत्र के इस महा पर्व के अवसर पर किसान जगदीश सिंह, परशुराम सिंह, रुद्र प्रताप सिंह, रविन्द्र यादव, राम विनोद सिंह आदि का कहना है कि बीते तीन दिन से किसान गन्ना लेकर मिल पर थे। मिल प्रबंधन संवेदनहीन बना रहा। वहां किसानों ने मिल चलाने की मांग की तो उनके साथ मारपीट की गई। अब हमारे सामने कोई अन्य विकल्प नहीं है।लोकतांत्रिक ढंग से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।
इस मामले ज्वांइट मजिस्ट्रेट अभिषेक पांडेय ने कहा कि मिल चल रही है। किसानों से गन्ना ले जाने को कहा गया है। बिना गन्ना पेरे मिल बंद नहीं होने दिया जाएगा। रामकोला चीनी मिल को गन्ना आवंटन किए जाने की किसानों की मांग  अनुचित है। मतदान में अवरोध करने वाले किसानों को हिरासत में लिया गया है।


कुशीनगर के 56.84 फीसदी मतदाताओं ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग

टाइम्स ऑफ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर। लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के सातवें चरण के मतदान के दौरान रविवार को प्रात:7 बजे से शुरू हुए मतदान में शायं 6:00 बजे तक जिले के कुल 56.84 प्रतिशत यानी कुल 1148447 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वहीं कुशीनगर जिले के कई विधानसभा क्षेत्रों मे ईबीएम के खराबी के बावजूद मतदान सकुशल सम्पन्न हो गया।
जानकारी के अनुसार शाम 6:00 बजे तक लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2019 के सातवें चरण के मतदान में लोकसभा-65 कुशीनगर के पाँच विधानसभाओ में 57.36 प्रतिशत यानी 996377 व लोकसभा-66 देवरिया (आंशिक) के दो विधानसभा क्षेत्रों में 55.53 प्रतिशत यानी 423359 से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
संगिनो के पहरे के बीच शुरू हुए इस मतदान में शाम 6 बजे तक कुशीनगर संसदीय सीट के लिए पडरौना विधानसभा में 57.50 फीसदी, कुशीनगर में 59.05 फीसदी, खडडा विधानसभा में 57 प्रतिशत, हाटा विधानसभा में 55. 75 फीसदी व रामकोला विधानसभा में 57.50 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
वही देवरिया के आंशिक विधानसभा तमकुही राज में 57.00 फीसदी व फाजिलनगर विधानसभा में कुल 54.06 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वही रामकोला विधानसभा के इंद्रसेनवा में ईबीएम के खराब होने से घंटों मतदान बाधित रहा। विधानसभा पडरौना के पिपरासी में बूथ संख्या 142 का ईवीएम घंटों खराब रहा। क्षेत्र पंचायत सदस्य धीरज चौबे ने बताया कि ईवीएम के खराब होने से करीब तीन घंटे  मतदान बाधित रहा। जिसे कुछ देर बाद चालू कराया गया।
धर शान्तिपूर्ण एंव सकुशल ढंग से मतदान सम्पन्न होने पर जिला निर्वाचन अधिकारी डा0 अनिल कुमार सिंह एवं पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने जनपदवासियों एंव  निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों/कर्मचारियों, पत्रकार बन्धुओं, एंव सुरक्षा बलों के साथ ही निर्वाचन कार्य/मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से जुडे लोगों को बधाई दी है और यह भी कहा कि बडा से बडा कार्य जन सहयोग से ही सम्पन्न किया जा सकता है।