रविवार, 27 अगस्त 2017

कुशीनगर में कालाजार से पीड़ितो की संख्या पहुची 70 के करीब

कुशीनगर। केन्द्र सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी कालाजार का भय कम नही हो रहा है। इस जानलेवा बीमारी का ग्राफ निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। कुशीनगर जनपद में जनवरी से अब तक इलाज के लिए आने वाले रोगियों की संख्या 66 तक पहुंच गई है। इस मर्ज के रोगियों की बढ़ती संख्या से स्वास्थ्य महकमा भी हैरान है।कुशीनगर के विभिन्न हिस्सों में अभी तक कालाजार के पीड़ितों की संख्या 52 तक पहुंच गई है। इससे सर्वाधिक प्रभावित तरयासुजान इलाका है। तरयासुजान सीएचसी के अंतर्गत आने वाले गांवों में कालाजार से 21 लोग बीमार पड़ चुके हैं। दूसरे नंबर पर कुबेरस्थान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का क्षेत्र है, जहां 13 लोग इस बीमारी की चपेट में आए। तमकुहीराज सीएचसी के अंतर्गत अब तक 11 व्यक्ति कालाजार की चपेट में आने से बीमार पड़ चुके हैं। वहीं दुदही में इस बीमारी के चार मामले आ चुके हैं। वही रकबा दुलमापट्टी गांव बीमारी के मामले में काफी संवेदनशील माना जाता है। रामकोला और नेबुआ नौरंगिया में एक-एक व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित हुए, जबकि पडरौना क्षेत्र भी इस बीमारी के मामले में कम संवेदनशील नहीं है। यहां भी दस लोग इस बीमारी से पीड़ित हो चुके हैं। नाहरछपरा गांव कालाजार के मामले में संवेदनशील माना जाता है। इस गांव के एक परिवार की एक महिला और उसकी बेटी दो-दो बार बीमार पड़ीं और उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। इनके अलावा दस मामले पड़ोसी जनपद देवरिया और चार बिहार के भी आए थे। हालांकि यह सभी मरीज अब ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं, लेकिन स्वास्थ्य महकमा मरीजों की बढ़ती संख्या से हैरान है। पिछले साल दिसंबर तक कालाजार के 87 मामले आए थे, लेकिन इस वर्ष आठवें महीने तक ही संख्या 66 तक पहुंच गई है।
इस सम्बन्ध में जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. एसएन पांडेय का कहना था कि अन्य वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष कालाजार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इलाज के बाद ठीक होकर घर चले जाने वाले मरीजों का हर महीने फॉलोअप किया जाता है। दवा दी जाती है और कालाजार से प्रभावित गांवों में अल्फा साइपर मेथ्रे नाम की दवा का छिड़काव कराया जाता है। क्योंकि डीडीटी का प्रभाव कम होने से इसकी आपूर्ति बंद हो गई है।
जिला अस्पताल में कालाजार के मरीजों का इलाज करने वाले फिजिशियन डॉ. राजेश कुमार का कहना है कि अगस्त और सितंबर का महीना इस बीमारी के अनुकूल होता है। क्योंकि यह सैंडफ्लाई मक्खियों के प्रजनन का समय होता है। बचाव और छिड़काव से इस बीमारी पर रोक लगाई जा सकती है। संयुक्त जिला चिकित्सालय में कालाजार के रोगियों के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है।

उन्होने कालाजार के लक्षण के बारे में बताते हुए कहा कि यह सैंडफ्लाई यानी बालू मक्खी के कारण होने वाली बीमारी है। इसमें मरीज को बुखार अक्सर रुक-रुक कर या तेजी से आता है। भूख न लगना, शरीर का पीलापन और वजन में कमी आने लगती है। खून की कमी और लगातार बुखार के कारण शरीर काला पड़ने लगता है, जिससे इसे कालाजार कहा जाता है।



हनुमान जी खण्डित मूर्ति के मामले में सड़क पर उतरे व्यापारी, किया प्रर्दशन

कुशीनगर। प्रदेश के कुशीनगर में डोल मेला के दौरान पंडाल में रखी हनुमानजी की मूर्ति खंडित होने के बाद रविवार को भी माहौल गर्म रहा। पुलिस एवं लोगों के बीच कई बार झड़प होने की स्थिति पैदा हुई। व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं और सड़क पर बैठकर धरना दिया।
सूचना मिलने पर एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंचे तथा नौ व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने की जानकारी दी। ओवरब्रिज चैराहे पर कुछ लोगों ने राहगीरों के साथ बदसलूकी की, जिस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया। उसके बाद प्रशासन, व्यापारियों एवं क्षेत्र के संभ्रांत लोगों ने शांति मार्च निकालकर दुकानें खोलवाईं और आम लोगों से अपने - अपने घरों को लौट जाने की अपील की। इस मामले में अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होने पर माहौल गरमाया हुआ है।जानकारी के अनुसार कुशीनगर के तमकुहीराज में शुक्रवार की रात लगे पंडाल में रखी मूर्ति खंडित किए जाने के मामले में शनिवार से ही लोग - विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। दूसरे दिन रविवार को भी तमकुहीराज का माहौल गर्म रहा। कार्यवाई के लिए प्रशासन की ओर से दी गई 24 घंटे की समय सीमा समाप्त होने पर अखाड़ा समिति के सदस्यों, व्यापारियों एवं आसपास के लोगों ने पुलिस प्रशासन पर मामले में उदासीनता बरतने का आरोप लगाते हुए धरना शुरू कर दिया। व्यापारियों ने दूसरे दिन भी अपनी दुकानें बंद रखीं। यहां तक कि तमकुहीराज बाजार के दवा व्यवसायी भी अपनी दुकानें बंद कर धरना को समर्थन देने लगे। इन लोगों ने मूर्ति खंडित करने के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए पुलिस प्रशासन के विरोध में नारे भी लगाए। प्रशासन की सूझबूझ से कई बार स्थिति बिगड़ने से बची।
दोपहर करीब बारह बजे एसडीएम तमकुहीराज गुलाब चंद्र एवं सीओ जनार्दन तिवारी ने पुलिस चैकी तमकुहीराज पहुंचकर व्यापारियों व संभ्रांत लोगों के साथ बैठक की। लोगों की शिकायत थी कि समय सीमा समाप्त होने के बावजूद पुलिस प्रशासन इस मामले में उदासीनता बरत रहा है। एसडीएम ने बैठक में उपस्थित लोगों को बताया कि अखाड़ा के संचालक व व्यापारी प्रदीप सोनी की तहरीर पर तरयासुजान थाने में नौ लोगो के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। नामजद लोगों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस को कम से कम सात दिन का समय चाहिए। इस दौरान तमकुहीराज में शांति व्यवस्था बनी रहनी चाहिए, जिससे पुलिस अपना कार्य कर सके। तब लोगों ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस को हर तरह से सहयोग करने का भरोसा दिलाया।

नारायणी का कहरः अपने ही हाथों बनाये आशियानों का उजाड़ने लगे लोग

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में नारायणी नदी एपी तटबन्ध के अंतिम छोर पर बसे गांव अहिरौलीदान के कचहरी टोला को अपने आगोश में लेने के लिए कटान करती जारही है। चार दिनों से कटान कर रही नारायणी का रुख अभी कम होता नहीं दिख रहा है। इधर कटान से भयभीत ग्रामीण अपनी झोपड़ी को उजाड़ ट्रैक्टर-ट्राली पर लाद कर पलायन करने लगे है।जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह नदी का डिस्चार्ज डिस्चार्ज घट कर 86 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया, जबकि दो दिन पूर्व यह आंकड़ा 1.23 लाख क्यूसेक था। जलस्तर में भी 45 सेंटीमीटर की गिरावट दर्ज की गई जलस्तर शनिवार को 75.75 मीटर दर्ज था, जो रविवार को 75.45 पर पहुंच गया। नदी खतरा के निशान 76.20 मीटर से 85 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। इससे बांध के संवेदनशील स्थानों नदी का दबाव बढ़ गया है। अहिरौलीदान के चीतू टोला, कचहरी टोला व डीह टोला नदी के निशाने पर हैं। चीतू टोला में नदी का रुख अब पक्के घरों की ओर हो गया है। कटान से सहमे ग्रामीण अपना आशियाना उजाड़ रहे है। नदी का रौद्र रुप देख अपने ही हाथों अपना आशियाना उजाड़ दूर बसने के लिए पलायित हो रहे हैं, जबकि पक्के मकान भी तोड़े जाने की तैयारी चल रही है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता बीपी सिंह ने बताया कि कटान वाले स्थानों पर विभाग द्वारा बचाव कार्य तेजी से कराया जा रहा है तो कटान के जद में आने वाले ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर भिजवाया जा रहा है।
इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी आन्द्रा वामसी ने कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद जारी है। बांध को क्षति न पहुंचे, इसके लिए संबंधित विभाग के अभियंताओं को काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। उन्होने बताया कि ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए तहसील प्रशासन को निर्देशित किया गया है।

शनिवार, 26 अगस्त 2017

नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल सहित चार लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज


कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कुशीनगर सिद्धार्थ सिंह की आदालत के आदेश पर स्थानीय कसया थाने में नायब तहसीलदार कसया, राजस्व निरीक्षक, लेखपाल सहित चार लोगों के विरुद्ध जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गयाहै।
जानकारी के अनुसार कुशीनगर का यह मामला कनखोरिया में कथित रूप से लापता व्यक्ति के नाम की भूमि वरासत नामे के आधार पर हड़पने से जुड़ा है। कनखोरिया निवासी सागर यादव ने 156(3) सीआरपीसी के तहत न्यायालय में वाद दायर कर कहा कि मेरा भतीजा दीनदयाल पुत्र बैरिस्टर की जन्मतिथि 1 जनवरी 1995 है। लगभग 10 वर्ष पूर्व वह घर से लापता हो गया। उसके लापता होने के पूर्व ही माता-पिता की मृत्यु हो चुकी थी। उसकी देखभाल व परवरिश बतौर संरक्षक करता था। उसकी तलाश की जा रही है। कोई निश्चित पता नहीं चल सका है। 18 फरवरी 2017 को आवश्यक कार्य के लिए गायब भतीजे के नाम दर्ज खेतों की खतौनी निकाला तो पता चला कि उसके नाम की संपूर्ण भूमि गांव के ही व्यक्ति दीपक पुत्र भिखारी के नाम दर्ज है।
ज्ञात हो कि वसीयतनामा लिखे जाने की तिथि को दीनदयाल की उम्र मात्र 8 वर्ष की थी। इससे साबित होता है कि तत्कालीन नायब तहसीलदार, कानूनगो, लेखपाल व दीपक ने मिल कर धोखाधड़ी व जालसाजी से जीवित को मृतक दिखा कर गलत ढंग से भूमि हस्तानांतरण की कार्यवाही करवा ली। न्यायालय ने मामले के अध्ययन करने के बाद संबंधित सभी लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। इस आदेश पर पुलिस ने धारा 419, 420, 467, 468 व 471 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया है।

बाढ़ की त्रासदी को खत्म करने के लिए स्थायी समाधान की दिशा में हो रहा प्रयास

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में हिन्दी फिल्म टायलेट एक प्रेमकथा के एक सप्ताह तक चलने वाले मुफ्त शो का उद्घाटन करने पहुंचे कुशीनगर जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र सिंह उर्फ मोती सिंह ने कहा कि गंडक नदी के उत्तर तरफ बसे गांवों को बाढ़ से बचाने के लिए बांध का निर्माण कराया जाएगा। इस अवसर पर मंत्री ने लोगों को स्वच्छता संबंधी आदतें अपनाने की भी सलाह दी।
जानकारी के अनुसार प्रभारी मंत्री राजेन्द्र सिंह उर्फ मोती सिंह कुशीनगर के बाढ़ प्रभावित इलाके में राहत सामग्री वितरित करने व खड्डा कस्बे के एक सिनेमाघर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद प्रभारी मंत्री मौके पर मौजूद लोगों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार बाढ़ पीड़ितों की हर संभव मदद का प्रयास कर रही है। बाढ़ की त्रासदी खत्म होने के बाद इसके स्थायी समाधान की दिशा में प्रयास तेज किया जाएगा। मंत्री ने फागिंग मशीन की खरीद में हुई अनियमितता की शिकायत की जांच कराने का भी आश्वासन दिया।
इधर खड्डा के विधायक जटाशंकर त्रिपाठी के कहा कि केंद्र व प्रदेश की सरकार स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए प्रयास कर रही है। लोगों को जागरूक करने के लिए टॉयलेट एक प्रेम कथा फिल्म को फ्री में लोगों को दिखाने के लिए यह आयोजन किया गया है। 31 अगस्त तक इस फिल्म का दो शो फ्री होगा। एक बार में 400 लोग फिल्म देख सकेंगे। इस कार्यक्रम में सांसद राजेश पांडेय, विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी, लल्लन मिश्रा सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

गुरुवार, 24 अगस्त 2017

बाढ़ की पानी में बह गये पाॅच गेन्डे, पकड़ने में जुटी टीम


कुशीनगर। नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में हुयी बारिस के बाद आयी बाढ़ में नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से बहकर यूपी-बिहार सीमा स्थित बाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना में आए चार गैंडों को रेस्क्यू करने के बाद फिर दो गैंडों को पकड़ने का अभियान शुरू हुआ है। चितवन नेपाल के गैंडा विशेषज्ञ व ब्याघ्र परियोजना की टीम को एक गैंडा चुलभट्ठा वन क्षेत्र में दिन भर दौड़ाता रहा। परियोजना के चुलभट्ठा व ठाडी क्षेत्र में इस समय दो गैंडों की मौजूदगी बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार मंगलवार को चैथे गैंडे को पकड़ने के बाद टीम ने रेस्क्यू अभियान खत्म कर दिया था, लेकिन अगले दिन बुधवार को फिर दो गैंडों के दिखने के बाद बेचैनी बढ़ गई। बुधवार को दोनों गैंडों का सुराग लेने में जुटी रेस्क्यू टीम गुरुवार की भोर से ही चुलभट्ठा क्षेत्र में नर गैंडे को पकड़ने की कोशिशों में जंगल की खाक छानती रही और गैंडा आंख-मिचैली खेलता रहा। थक हारकर वन अधिकारी इस गैंडे को छोड़ दूसरे गैंडे को पकड़ने के लिए ठाडी क्षेत्र के लिए रवाना हो गए।
बताया जा रहा है कि नेपाल से पहले पांच गैंडों के बहकर आने की पुष्टि हुई थी, जिसमें एक रास्ते में ही मर गया था। एक गैंडे को पकड़ने के बाद बाकी तीन गैंडे जब पकड़ में नहीं आए तो हाथी स्पाट टीम ने रविवार से विशेष सर्च आपरेशन शुरू किया था। एक-एक कर तीन हाथियों के सहारे वन कर्मियों ने तीनों गैंडों को पकड़ लिया। लेकिन अब फिर दो गैंडों को पकड़ने के लिए दुबारा आपरेशन गैंडा शुरू करना पड़ा है। आपरेशन की कमान सम्भाल रहे बाल्मीकि ब्याघ्र परियोजना के डीएफओ अमित कुमार बताते हैं कि ये दोनों गैंडे भी जल्द पकड़ में आ जाएंगे।

फागिंग मशीन की खरीद में हुयी घपलेबाजी का मामला अब जायेगा मुख्यमंत्री तक



कुशीनगर । केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025 तक टीबी (क्षय) रोग मुक्त भारत बनाने का सपना साकार करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं स्वास्थ्य विभाग एसीएफ (एक्टिव केस फाइंडिंग) योजना का शुरूआत करने वाला है।
टीबी से फाइटिंग के लिए बनाई गई इस योजना में विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ स्वास्थ्य विभाग उन रोगियों की काउंसिलिंग कर जांच और स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराएगा, जो स्वेच्छा से सरकारी टीबी क्लीनिक नहीं जाते है। ऐसे रोगियों का इलाज करने वाले निजी डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
जानकारी के अनुसार टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) एक ऐसी बीमारी है, जो किसी भी व्यक्ति को लगातार दो सप्ताह तक खांसी आने पर भी जकड़ लेती है। समय पर इलाज न होने के कारण इसका दुष्प्रभाव बढ़ता जाता है और धीरे-धीरे मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से स्थिति कई बार जानलेवा भी हो जाती है। डॉक्टर भी मानते हैं कि यह ऐसा संक्रामक रोग है, जो एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है। 

ऐसे में कुशीनगर जनपद टीबी के मामले में बेहद संवेदनशील है। इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए भारत सरकार ही नहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन भी गंभीर है। प्रत्येक सरकारी अस्पताल में ऐसे रोगियों की मुफ्त जांच और इलाज की व्यवस्था की गई है।  इस खतरनाक बीमारी के उन्मूलन के लिए कुशीनगर में भी जल्द ही एक्टिव केस फाइंडिंग योजना शुरू की जाने वाली है। इसके लिए डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम बनाई जाएगी, जो सर्वे करके ऐसे मरीजों की तलाश कर उनकी जांच और समुचित इलाज की व्यवस्था कराएगी। इस टीम में एसटीएस (सीनियर ट्रिटमेंट सुपरवाइजर) और एसटीएलएस (सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर) भी होंगे।

इस सम्बन्ध में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बीपी नरसरिया ने बताया कि कुशीनगर में जल्द ही यह स्कीम शुरू होने वाली है। एसटीएस और एसटीएलएस के साथ डब्ल्यूएचओ के सदस्य भी टीम में होंगे, जो मरीजों का सर्वे कर उन्हें चिकित्सा सुविधा मुहैया कराएंगे। ऐसे मरीजों की जांच के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं जैसे जेडएन माइक्रोस्कोपी और एफएम माइक्रोस्कोपी के अलावा सीबी नॉट मशीन भी उपलब्ध है। टीबी के रोगियों का इलाज करने वाले निजी डॉक्टरों को भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। इधर भारत सरकार ने 2025 तक टीबी के उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि डॉट्स इस मर्ज की सबसे कारगर दवा है। यह दवा नियमित लेने वाले मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो जाते हैं।

मलेशिया में पिछले दो महीने से कुशीनगर के 14 लोगों बंधक


कुशीनगर। मलेशिया में पिछले दो महीने से उत्तर प्रदेश के कुशीनगर निवासी 14 लोगों को एक कमरे में बनाकर रखा गया हैं। रोजी-रोटी के लिए मलेशिया गए इन लोगों को आज तक वेतन तो मिला ही नहीं, भोजन-पानी भी कई-कई दिन बाद दिया जा रहा है। वही वतन वापसी के लिए प्रत्येक से एक लाख रुपये की मांग की गई है। घरवालों ने विदेश मंत्रालय से संपर्क कर वापसी के लिए मदद मांगी है।
जानकारी के अनुसार कुशीनगर के बरवापट्टी थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत पुष्कर नगर दसहवा के नंदू सैनी, धोबीघटना के अरविंद, कुबेरस्थान थाना क्षेत्र के गांव कुबेरस्थान निवासी अनिल शर्मा, सोनू सिंह, विजय कुमार, इंद्रासन चैहान, बतरौली निवासी मंतोष चैहान, अखिलेश गुप्ता, भटवलिया निवासी दीपक यादव, रविंद्र विश्वकर्मा, कसया थाना क्षेत्र के साखोपार गांव निवासी मुन्ना यादव, कसया निवासी नूर आलम, सखवनिया निवासी प्रहलाद यादव, पडरौना कोतवाली के होरलापुर गांव निवासी राजेश कुमार व पटहेरवा निवासी अरविंद खरवार तीन महीने पहले रोजगार के लिए विदेश गए थे।
घरवालों के अनुसार एजेंटों ने 1.75 लाख रुपये लिए थे और वहां 40 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था। वहां पहुंचने पर इनका पासपोर्ट ले लिया गया तथा मोबाइल पैकिंग के काम में लगा दिया गया। परंतु वेतन बहुत कम था। इसका विरोध करने पर इनके मालिक ने पिटाई की। युवकों ने अपने घरवालों व भारतीय दूतावास से संपर्क का प्रयास किया तो इससे नाराज मालिक ने करीब दो महीने पहले इन सभी 14 लोगों तथा राजस्थान प्रांत निवासी एक अन्य युवक को एक कमरे में बंद कर दिया।
किसी तरह से अपने घरवालों के संपर्क में आए युवकों ने बताया कि कई दिन बाद कमरा खुलता है और थोड़ा सा खाना व पानी दे दिया जाता है। वतन वापसी के लिए वह मालिक प्रत्येक व्यक्ति से एक-एक लाख रुपये की डिमांड कर रहा है। पहले से ही अपना सब कुछ बंधक रखकर बेटों को विदेश भेजने वाले घरवाले इतनी बड़ी रकम इकट्ठा कर पाने में असमर्थ हैं। इन लोगों ने विदेश मंत्रालय को पत्र भेजकर मदद की गुहार लगाई है।

फागिंग मशीन की खरीद में हुयी घपलेबाजी का मामला अब जायेगा मुख्यमंत्री तक

कुशीनगर।। उत्तर प्रदेश में कुशीनगर के ग्राम सभाओं के लिए खरीदी गई फागिंग मशीन के मामले में हुई घपलेबाजी का मामला अब मुख्यमंत्री के पास जाएगा। क्षेत्र के ग्राम प्रधानों की शिकायत पर खड्डा विधायक ने पूरे प्रकरण से मुख्यमंत्री को अवगत कराने एवं जांच कराकर कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
जानकारी के अनुसार कुशीनगर के खड्डा ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में पंचायतीराज विभाग की तरफ से फागिंग मशीन भेजी गई है। बुधवार को कई ग्राम प्रधानों ने खड्डा विधायक जटाशंकर त्रिपाठी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि एक सप्लायर को लाभ पहुंचाने के लिए अफसरों ने कई गुना महंगे दर पर मशीन खरीद ली है और अब ग्राम पंचायतों से इसका चेक काटने को कहा जा रहा है। प्रधानों ने आरोप लगाया कि कार्यवाही के भय से ही वे लोग अफसरों की मनमानी को चुपचाप बर्दाश्त कर रहे हैं।
इस सम्बन्ध में एडीओ पंचायत खड्डा मैनेजर सिंह का कहना है कि वरिष्ठ अफसरों के निर्देश पर अब तक 53 ग्राम प्रधानों को मशीन भेजी जा चुकी है। इस संबंध में विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने कहा कि मशीन खरीद का यह प्रकरण बेहद गंभीर है। मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी देकर कार्यवाही कराई जाएगी।

कुशीनगर के किसानो का प्रथम चरण में 1.16 अरब रूपये कर्ज माफ

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश में किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। प्रदेश सरकार की अति महत्वाकांक्षी कृषि कर्ज माफी योजना में किसानों को 1 लाख रूपये तक लाभ मिलने वाला है। प्रदेश के  अन्य जिलों की भांति कुशीनगर प्रशासन ने प्रथम चरण में कुशीनगर के 25095 किसानों से कर्ज का बोझ समाप्त करने की पूरी तैयारी कर चूका है।किसानों पर चढ़ा कृषि ऋण का एक अरब 16 करोड़ पचपन लाख उन्यासी हजार 22 रुपये के कर्ज का प्रमाण पत्र जारी करने के साथ ही उतर जाएगा। प्रशासन कर्जदार किसानों को लाभान्वित करने की पूरी तैयारी चूका है। महीनों से कर्जमाफी के लाभ की राह निहार रहे किसानों के चेहरे पर प्रसन्नता की लहर दौड़ पड़ी है। बड़े कर्ज से मुक्ति मिल जाने से किसान आर्थिक तंगी से अभी से राहत महसूस करने लगे है। वही कई किसान इसे अपना पेशा भी बना चूके है। किसान समर प्रताप सिंह बताते हैं कि प्रदेश सरकार किसानों के दर्द को समझ बड़ी राहत दे रही है। आर्थिक बोझ तले कर्ज से दबा किसान मुक्त हो जाएगा तो किसानों के घर होली व दीवाली जैसा जश्न होगा। वही सुरज प्रसाद नाम के एक किसान ने बताया कि ऋण लेना अव पेशा बन गया है कई किसान केसीसी से पैसा निकाल कर 5 से 10 प्रतिशत प्रति माह व्याज पर देते है और लाभ कमाते है ऐसे में उनका कर्ज माफ हो जाये तो बिना खेती किये ही ये पूरा पैसा उनका अपना हो जाता है।
बताते चले कि लघु एवं सीमांत कृषकों के उन्नयन एवं सतत विकास के लिए फसली ऋण मोचन योजना के तहत कुशीनगर के इलाहाबाद बैंक सेे 893 किसान के, 5 करोड़ 62 लाख 35 हजार 723 रुपये के कर्ज से मुक्त होंगे। आंध्रा बैंक के चार किसानों का 2,58876 रुपये, बैंक आफ बड़ौदा के 159 किसानों का एक करोड़ 13 लाख 16917 रुपये, बैंक आफ इंडिया के 36 ऋणी किसानों का 20 लाख 21 हजार 250 रुपये, बैंक आफ महाराष्ट्रा के पांच ऋणी किसानों का चार लाख 34420 रुपये, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के 4638 ऋणी कृषकों का 24 करोड़ 80 लाख 80 हजार नौ सौ चैबीस रुपये, कार्पोरेशन बैंक के 18 किसानों का एक करोड़ 38 हजार दो सौ सत्तर रुपये, आइडीबीआई के दो किसानों का एक लाख छब्बीस हजार दो सौ तिरानवे रुपये, इंडियन बैंक के 30 किसानों का 28 लाख 74 हजार 666 रुपये, इंडियन ओवरसीज बैंक के 25 किसानों का 15 लाख 409 रुपये, ओरियंटल बैंक आफ कामर्स के 21 किसानों का 17 लाख 54 हजार 773 रुपये, पंजाब नेशनल बैंक के 1389 किसानों का छह करोड़ 33 लाख 59016 रुपये, पूर्वांचल ग्रामीण बैंक के 16504 किसानों का 69 करोड़ 35लाख 31721 रुपये, स्टेट बैंक आफ इंडिया के 1102 किसानों का छह करोड़ 68 लाख 52788 रुपये, सिंडिकेट बैंक के 22 किसानों का 14 लाख 58014 रुपये, यूको बैंक के एक किसान का 27354 रुपये, यूनियन बैंक आफ इंडिया के 245 किसानों का एक करोड़ 45 लाख 17701 रुपये, विजया बैंक के एक ऋणी किसान का एक लाख रुपये कृषि ऋण माफ किया जाएगा।
कुशीनगर जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने बताया कि प्रथम चरण में 25095 किसानों को कर्ज माफी योजना से लाभान्वित कराने की तैयारी पूरी कर ली गई है। प्रथम चरण से वंचित पात्रता की शर्ते पूरी करने वाले ऐसे शेष ऋणी कृषकों को भी अतिशीघ्र लाभान्वित कराने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। बताया कि पहले चरण में एक अरब सोलह करोड़ पचपन लाख उन्यासी हजार बाईस रुपये का कर्ज माफ होगा।

विदेश भेजने की घटनाओं पर प्रशासन ने अपनाया कड़ा रूख


कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में विदेश भेजने के नाम पर आए दिन हो रही धोखाधड़ी की घटनाओं को लेकर प्रशासन ने कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है, और विदेश भेजने वाली ऐजेंसियों और एजेंटों की पड़ताल शुरू हो चुकी है।
इस मामले में कई एजेंसियों को पुलिस ने नोटिस भेजकर रजिस्ट्रेशन से संबंधित कागजात तलब किया है। पुलिस की तरफ से नोटिस भेजे जाने पर इस धंधे में लगे लोगों में खलबली मची हुई है।
ज्ञातव्य हो कि कुशीनगर से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए विदेश जाते हैं। एजेंट बेरोजगार युवाओं को अच्छी पगार पर विदेश भेजने का झांसा देकर अपने जाल में फंसा लेते हैं। उनसे मोटी रकम वसूल कर कभी गायब हो जाते हैं तो कभी पर्यटक वीजा देकर उन्हें विदेश भेज देते हैं। वहां फंसे लोगों को स्वदेश वापसी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। आए दिन हो रही इस तरह की घटनाओं से सकते में आए प्रशासन ने लोगों को विदेश भेजने वाली एजेंसियों की पड़ताल करने की योजना बनाई है। नियमानुसार लोगों को विदेश भेजने वाली एजेंसी विदेश मंत्रालय में इस कार्य के लिए पंजीकृत होनी चाहिए। विदेश भेजने वाले युवकों के बारे में उसे समय-समय पर प्रशासन और विदेश मंत्रालय को जानकारी देनी होती है। पूरे जिले में इस तरह की चार-पांच एजेंसियां हैं, जिनका विदेश मंत्रालय में पंजीकरण है। पुलिस ने इसकी जांच के लिए जगह-जगह खुली एजेंसियों को नोटिस भेजा है। इस संबंध में पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि लोगों को विदेश भेजने वाले एजेंटों की सूची तैयार कराकर नोटिस भेजी गई है। फर्जी ढंग से विदेश भेजने वाले एजेंटों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही तय है।

कुशीनगर में इंसेफेलाईटिस का कहर जारी, 11 मासुमों की मौत

कुशीनगर। उत्तर प्रदेश कुशीनगर में इंसेफेलाईटिस ने मासूमों पर अपना कहर भरपाना शुरू कर दिया है। जिले के चिकित्सालय हो या फिर मेडिकल कालेज हर जगह इंसेफेलाईटिस से पीड़ितों की संख्या बढ़ती जा रही है। कुशीनगर जिला चिकित्सालय में 10 बेड का आईसीयू शुक्रवार को मरीजों से भरा रहा। ठतना ही नही तीन बच्चे सामान्य वार्ड में भी भर्ती किए गए थे। इस बीमारी के बढ़ते प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विगत आठ माह में जिले के 154 मासूम इंसेफेलाइटिस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें 11 की मौत हो चुकी है।जानकारी के अनुसार शुक्रवार को जिला अस्पताल के आईसीयू में बिहार के ठकरहां थाना क्षेत्र के सिसवनिया निवासी हाफिज की पुत्री सुहाना उम्र ढाई वर्ष, तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के बसडीला पांडेय निवासी निषाद अहमद की तीन वर्षीय पुत्री सुहाना, विशुनपुरा थाना क्षेत्र के शाहपुर माघी निवासी महेंद्र मुसहर की चार वर्षीय पुत्री चंदा, तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के सपहीं बुजुर्ग गांव के हरेंद्र देव की चार वर्षीय पुत्री दिशा और नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के बलकुड़िया के रहने वाले जयराम की पांच वर्षीय पुत्री सुनीता को इंसेफेलाइटिस की चपेट में आने के कारण जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। इसी तरह रामकोला थाना क्षेत्र के परसौनी निवासी महेंद्र की दो वर्ष की पुत्री विजयलक्ष्मी, खड्डा थाना क्षेत्र के नौका टोला निवासी सेराज की तीन वर्षीय पुत्री नूरी और हनुमानगंज थाना क्षेत्र के रामनगर निवासी दीपक वर्मा की दो वर्षीय पुत्री अंशिका को भी आईसीयू में भर्ती कराया गया है, जहां इनका इलाज चल रहा है। इनके अलावा पडरौना कोतवाली क्षेत्र के मनिकौरा खास निवासी रामबली की पुत्री नंदिनी और जंगल चैरिया निवासी सुभाष की तीन वर्षीय पुत्री चांदनी का इलाज भी आईसीयू में चल रहा है। इनके अलावा हनुमानगंज थाना क्षेत्र के जिंदाछपरा गांव की 11 वर्षीय गुड़िया सहित दो अन्य बालिकाओं के भी इंसेफेलाइटिस की चपेट में आने के कारण जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। बाद में इनकी हालत में सुधार होने पर सामान्य वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया था। ज्ञात हो कि विगत आठ माह में जिले भर में इंसेफेलाइटिस से 154 लोग पीड़ित हो चुके हैं, जिनमें 11 की मौत हो चुकी है।