टाईम्स आफ कुशीनगर ब्यूरों
दुदही, कुशीनगर । कुशीनगर सीएचसी दुदही पर जच्चा-बच्चा की मौत ने एक बार फिर स्वास्थ्यकर्मियों की पोल खोलकर रख दी है। स्वास्थ्य कर्मचारियों के द्वारा जो तर्क दिये गये हैं उनसे कई सवाल पैदा हो गये है। जिसकी आम जनता में काफी चर्चा है।
स्वास्थ्य विभाग के इस कार्य पर अब आम जन ने कई सबाल खड़ा कर दिये है। जिसमें हर जगह स्वास्थ्य विभाग की दोषी बताया जा रहा है। हास्पिटल में बांसगांव खास के सुरेन्द्र ने कहा कि प्रथम दृष्टया जब हाई ब्लडिंग थी तो उसके उपचार मे जल्दबाजी की जगह लापरवाही क्यों बरती गयी? दुसरा सवाल यह पैदा हुआ कि एम्बुलंेस 108 और 102 सीरीयस स्थिति में एक घण्टे देरी से क्यों पहुंचे? और तीसरा सवाल यह है कि जब जननी सुरक्षा योजना के तहत सीएचसी पर सारी सुविधायें मुफ्त हैं तो क्रमश सौ रुपये और उसके बाद पांच हजार की मांग क्यों की गयी?
इन सबालों पर कई चैराहो पर स्वास्थ्य विभाग को लोग घेरे में ले रहे है और विभाग को ही कसूरबार बता रहे है। पीडि़त के परिजनों सहित गांव के लोगों ने सारे मामले की जाॅच कराये जाने और उनकी खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। बरहाल जच्चा-बच्चा की मौत से परिजनों का बुरा हाल है। लड़का होने की खुशी मातम में बदल गयी है।शायद जिसे विभाग न तो लौटा पायेगा नही उसकी भरपाई कर पायेगा।