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शनिवार, 31 मई 2014
पशुधन के साथ रोजगार दिलाने वाली कामधेनु योजना जल्द होगी शुरू
जिले स्तर पर शासन के पहुचे फरमान, तैयारी शुरू
टाईम्स आफ कुशीनगर ब्यूरो।
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश में पशुधन को बढ़ाने और स्वरोजगार के अवसर को सृजित करने वाली कामधेनु योजना जल्द ही पुरे प्रदेश के साथ कुशीनगर में शुरू हो जायेगी। जिसके माध्यम से अनुदान देकर सरकार दुग्ध और पशुधन को बढ़ाने के लिए प्रयास करेगी।
पशुधन और दुग्घ के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए शासन ने ग्रामीण क्षेत्रों में कामधेनु नाम की योजना चलाने वाली है। जिसे मूर्त रूप देने के लिए सभी जिलों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी कर दिये गये है। निदेशक पशु पालन विभाग रूद्र प्रताप द्वारा भेजे गए शासनादेश के तहत कामधेनु योजना जुलाई-अगस्त तक धरातल पर होगी। जिसका मुख्य उद्देश्य सूबे में उच्च गुणवत्तायुक्त पशुओं की संख्या में वृद्धि करने व दुग्ध उत्पादन में प्रदेश को देश भर में अव्वल बनाना है।
दिशा निर्देशों के अनुसार कामधेनु योजना की लागत 52.35 लाख होगी। जिसमें 39 लाख 26 हजार रुपये बैंक मुहैया कराएगा, जबकि 13 लाख 26 हजार रुपये पशुपालक को लगाना होगा। बैंक द्वारा मुहैया कराई गई रकम का ब्याज सरकार देगी। जबकि यूनिट लगाने वाले को पांच वर्षो में सिर्फ रकम बैंक को वापस लौटाना होगा। योजना के तहत यूनिट के लिए शेड बनाने की भूमि के अलावा पशुपालक के पास एक एकड़ जमीन का होना आवश्यक है। जहां जर्सी, एचएफ, शाहीवाल तथा भैंस में केवल मुर्रा भैंस का पालन होगा, पशुओं का मानक यह होगा कि वह कम से कम 12 लीटर दूध दे। इस तरह एक दिन में एक यूनिट से न्यूनतम 600 लीटर दूध का उत्पादन होगा।
इस सम्बन्ध में डा.आरपी यादव मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि आवश्यक प्रक्रिया पूरी होने के बाद जुलाई-अगस्त में कामधेनु योजना की शुरुआत जिले में हो जाएगी। जिसके लिए 15 जून तक आवेदन लिए जाएंगे। पशुपालकों के लिए यह महत्वपूर्ण योजना है, यूनिट में गोबर गैस व फीड मिक्सर प्लांट भी स्थापित होगा, जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
ज्ञान और शान्ति की घरती से निकलीं 70 साल पुरानी बन्दूकें
टाईम्स आफ कुशीनगर ब्यूरो।
कुशीनगर । शान्ति का उपदेश देने वाले भगवान बुद्ध की इस धरती से अब बन्दूकें के अवशेष भी निकलने शुरू हो गये हंै। जो कुशीनगर के इतिहास के तरफ इशारा कर रहे हैं।
कुशीनगर का यह इलाका अहिरौली थाना क्षेत्र में स्थित बरवा बाबू गांव के नाम से प्रसिद्ध है। जो बर्षो पूर्व से ही काफी चर्चित गांव है। जहां कई दिनों से ग्राम सभा के पोखरे की मनरेगा के मजदूरों द्वारा खुदाई हो रही थी। इसी दौरान मिट्टी में दबी दो बंदूकों के अवशेष मिले हैं।
बताया जाता है कि शुक्रवार को दोपहर बाद एक मजदूर का फावड़ा किसी लोहे की चीज से टकराया। जब उस मजदूर ने अगल-बगल की मिट्टी को हटाकर देखा तो दो देसी बंदूकें के अवशेष मिट्टी में दबे पड़े थे। बन्दूकें के अवशेष करीब 70-80 साल पूराने बताये जा रहे हंै।
मजदूरों ने इसकी सूचना तुरंत ग्राम प्रधान को दी। प्रधान की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने पोखरे से निकली बंदूकों के अवशेष को अपने कब्जे में ले लिया। इस संबंध में थानाध्यक्ष विनय कुमार पाठक ने बताया कि दो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में दो बंदूकों के अवशेष मिलें हैं। जो 70-80 साल पुराने हो सकते हैं।
शुक्रवार, 30 मई 2014
कुशीनगर पुलिस ने बरामद किया 60 लाख का चरस
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश की कुशीनगर पुलिस ने एक तस्कर से दो किलो ग्राम अबैध चरस बरामद किया है। जिसकी अनुमानित अन्तर्राष्ट्रीय कीमत 60 लाख बतायी जा रही है। कुशीनगर पुलिस प्रवक्ता के अनुसार हाटा कोतवाली थाना क्षेत्र के गौरीबाजार तिराहे पर शुक्रवार को सुबह वाहन चोकिंग हो रही थी। सुबह तीन बजकर 10 मिनट पर वाहन चेकिन के दौरान एक पल्सर मोटर साईकिल सवार व्यक्ति गोरखपूर की तरफ जाते हुए संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिया। पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया जिसको देखकर वह भागने लगा। जिसे उप निरीक्षक विरेन्द्र तिवारी व रामबदन शुक्ला ने दौड़ाकर पकड़ लिया। पुलिस द्वारा उसकी तलासी में दो किलोंग्राम अबैध चरस बरामद हुआ। जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 60 ़लाख बतायी जा रही है। पुछ-ताछ में पता चला कि गिरफ्तार अभियुक्त शिवा राय पुत्र ईश्वर राय साकिन सरोरा थाना सरोरा जनपद कंजम, उड़ीसा का निवासी है। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया है। इस सम्बन्ध में हाटा कोतवाली प्रभारी ने बताया कि अभियुक्त के पास से दो किलोग्राम अबैध चरस बरामद किया गया है। जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 60 लाख रूपये बतायी जा रही है।
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश की कुशीनगर पुलिस ने एक तस्कर से दो किलो ग्राम अबैध चरस बरामद किया है। जिसकी अनुमानित अन्तर्राष्ट्रीय कीमत 60 लाख बतायी जा रही है। कुशीनगर पुलिस प्रवक्ता के अनुसार हाटा कोतवाली थाना क्षेत्र के गौरीबाजार तिराहे पर शुक्रवार को सुबह वाहन चोकिंग हो रही थी। सुबह तीन बजकर 10 मिनट पर वाहन चेकिन के दौरान एक पल्सर मोटर साईकिल सवार व्यक्ति गोरखपूर की तरफ जाते हुए संदिग्ध अवस्था में दिखाई दिया। पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया जिसको देखकर वह भागने लगा। जिसे उप निरीक्षक विरेन्द्र तिवारी व रामबदन शुक्ला ने दौड़ाकर पकड़ लिया। पुलिस द्वारा उसकी तलासी में दो किलोंग्राम अबैध चरस बरामद हुआ। जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 60 ़लाख बतायी जा रही है। पुछ-ताछ में पता चला कि गिरफ्तार अभियुक्त शिवा राय पुत्र ईश्वर राय साकिन सरोरा थाना सरोरा जनपद कंजम, उड़ीसा का निवासी है। पुलिस ने गिरफ्तार अभियुक्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेज दिया है। इस सम्बन्ध में हाटा कोतवाली प्रभारी ने बताया कि अभियुक्त के पास से दो किलोग्राम अबैध चरस बरामद किया गया है। जिसकी अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत लगभग 60 लाख रूपये बतायी जा रही है।
कुशीनगर में फिर चार लोगो के खिलाफ पाक्सों दर्ज
टाइम्स ऑफ़ कुशीनगर ब्यूरो
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर पुलिस ने फिर चार लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति अधिनियम व पाक्सोे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कुशीनगर के पडरौना कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र की एक निवासी महिला ने मार-पीट व दुष्कर्म के मामले को लेकर तहरीर देकर चार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगायी थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए पडरौना कोतवाली पुलिस ने तहरीर के आधार पर अवधेश शर्मा, गंगा शर्मा, भोला शर्मा व सुरेश शर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति अधिनियम व पाक्सों एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी हैं। तहरीर के मुताबिक यह घटना 17 मई को शायं सात बजे घटी। जहां अभियुक्तों ने घर में घुस कर मार पीट की और तेरह बर्षीय नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इस सम्बन्ध में पडरौना कोतवाली प्रभारी हरि सिंह ने बताया कि उक्त मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस कार्य वाही में जूट गयी है।जल्द ही अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
कुशीनगर । उत्तर प्रदेश के कुशीनगर पुलिस ने फिर चार लोगों के खिलाफ अनुसूचित जाति अधिनियम व पाक्सोे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। कुशीनगर के पडरौना कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र की एक निवासी महिला ने मार-पीट व दुष्कर्म के मामले को लेकर तहरीर देकर चार लोगों के खिलाफ कार्यवाही की गुहार लगायी थी। जिसको संज्ञान में लेते हुए पडरौना कोतवाली पुलिस ने तहरीर के आधार पर अवधेश शर्मा, गंगा शर्मा, भोला शर्मा व सुरेश शर्मा के खिलाफ अनुसूचित जाति अधिनियम व पाक्सों एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी हैं। तहरीर के मुताबिक यह घटना 17 मई को शायं सात बजे घटी। जहां अभियुक्तों ने घर में घुस कर मार पीट की और तेरह बर्षीय नाबालिक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। इस सम्बन्ध में पडरौना कोतवाली प्रभारी हरि सिंह ने बताया कि उक्त मामले में चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस कार्य वाही में जूट गयी है।जल्द ही अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा।
नि:शुल्क औषधि नीति को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के साथ एकीकृत कर मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा
डॉ. हर्ष वर्धन ”सबके लिए स्वास्थ्य” अभियान में नई आशा का संचार करेंगे, शीघ्र ही इसे ज्यादा समावेशी बनाया
नईदिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने देशभर में सभी स्तरों पर सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं को मुफ्त जेनेरिक औषधि के वितरण की प्रणाली को मुख्यधारा मेंलाने का आहवान किया है। राज्य सरकारों के साथ परामर्श से खरीद एवं वितरण के संबंध में सभी तैयारियों पर विचार करने के बाद मुफ्त औषधि कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत कीजाएगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के दो उप-मिशन हैं - राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन। मुफ्त औषधि कार्यक्रम को कार्यान्वित करने के लिए इन दोनोंउप-मिशनों की मदद ली जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मई 2013 में इसकी औपचारिक मंजूरी दी थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस तिथि तक इसका कार्यान्वयन सिर्फ कुछ बड़े शहरों केअस्पतालों तक सीमित है क्योंकि दवाओं की खरीद और वितरण संबंधी बुनियादी ढांचा तैयार नहीं किया गया है।
श्री हर्ष वर्धन ने निकट भविष्य में केंद्रीय स्वास्थ्य परिषद की रूपरेखा के तहत राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक बुलाने का फैसला किया। कल स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों नेमंत्री महोदय का स्वागत किया जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने यह बात कही। केंद्रीय स्वास्थ्य परिषद में पेशेवर विशेषज्ञ भी शामिल हैं। इसके सदस्यों ने कई वर्षों से कोई बैठक नहीं की है।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ” मुझे यकीन है कि राज्यों में मेरे साथी स्वास्थ्य मंत्री इस कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करेंगे। ”
योजना आयोग ने अनुमान लगाया है कि मुफ्त जेनेरिक औषधि कार्यक्रम पर 12वीं योजना अवधि (2012-17) के दौरान 28,560 करोड़ रुपये की लागत आएगी तथा 2012-13 के दौरानइसका पहला वित्तीय आवंटन किया गया। केंद्र सरकार लागत का 75 प्रतिशत वहन करेगी जबकि राज्यों को 25 प्रतिशत योगदान करना होगा। कार्यक्रम के अंत तक इस कार्यक्रम के तहतआवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची के तहत 348 दवाएं 1 लाख 60 हजार उप-केंद्रों, 23,000 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, 5,000 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और 640 जिला अस्पतालों में मुफ्तमिलने लगेंगी। राज्यों से अनुरोध किया गया है कि वे स्थानीय जरूरतों के अनुसार आवश्यक सूची में दवाएं शामिल करें।
डॉ. हर्ष वर्धन ने यह भी कहा कि विशेषज्ञों के साथ परामर्श से मानक उपचार प्रोटोकोल विकसित किया जाएगा तथा यह सुनिश्चित करने के लिए संहिताबद्ध किया जाएगा किअनावश्यक और अतार्किक दवा प्रशासन से बचा जा सके। इस संदर्भ में मंत्रीजी ने याद दिलाया कि दिल्ली (1993-98) का मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्होंने पहली बार विश्व स्वास्थ्य संगठनका ‘आवश्यक दवा कार्यक्रम’ लागू किया था। दिल्ली के इस मॉडल को दुनिया भर में पहचान मिली।
डॉ. हर्ष वर्धन ने कहा, “राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को भ्रष्टाचार मुक्त करने के साथ-साथ अधिक से अधिक पारदर्शी बनाते हुए ई-प्रशासन पर बल दिया जाएगा। जब गरीब औरमध्यम वर्ग के परिवारों के सदस्य बीमार पड़ने से होने वाली परेशानी और निराशा अब अतीत की बात हो जाएगा। ”
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में सुधार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन वर्ष 2005 में शुरू किया तब तक 12वीं पंचवर्षीय योजना के दो वर्ष बीत चुके थे। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि अब समय आ चुका है कि मिशन में सुधारों को लागू किया जाए ताकि मिशन की विश्वसनीयता और पारदर्शिता कायम रहे और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का 'सभी के लिए स्वास्थ्य' उपलब्ध कराने का लक्ष्य भी पूरा हो सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के कामकाज में तालमेल बिठा कर इसे अधिक व्यापक बनाने का फैसला किया है। विशेषज्ञों के एक स्थायी समीक्षा समूह का गठन जल्द ही किया जाएगा। इस समूह की नियमित बैठकें कराई जाएगी। ताकि स्वैच्छिक विशेषज्ञों तथा अधिकारियों की प्रतिक्रिया का जायजा लिया जा सके। अच्छे रिकॉर्ड वाले गैर सरकारी संगठनों के प्रमुखों को सुधार प्रक्रिया का हिस्सा बनाया जाएगा। महिला विशेषज्ञों को मंत्रालय की नई योजना के अंतर्गत विशेष दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा- “चूंकि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली की अव्यवस्था से सबसे ज्यादा पीड़ित महिलाएं ही होती हैं। अतः मैं चाहता हूं कि उनकी समस्याओं को प्राथमिकताओं के आधार पर सुलझाया जाए। सरकार की लिंग आधारित विशेष सुविधाएं देने की व्यवस्था गैर-प्रभावशाली बन गयी है।”
आशा के लिए भर्ती
मंत्री महोदय ने कहा कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (आशा) के तौर पर भर्ती की गई युवा महिलाएं- एनएचएम में महत्वपूर्ण हितधारक हैं, लेकिन उनके लिए अभी भी वेतनमान की दरें तय की जानी है और उनके सुचारू कार्य संचालन में बहुत सी बाधाएं हैं। इनके समाधान के लिए, मंत्री महोदय ने अगले कुछ हफ्तों के भीतर आशा कार्यकर्ताओं के साथ एक खुली बैठक करने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन-एनएचएम के कार्यान्वयन में सबकी भूमिका के मामले में यह मंत्री महोदय की पहल का हिस्सा होगा। उन्होंने कहा, “मैं आशा प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके व्यक्तिगत रूप से एनएचएम के बारे में उनकी भावनाओं से जमीनी तौर पर अवगत होना चाहता हूं। मुझे इस बात की पक्की सूचना है कि संपूर्ण व्यवस्था अधिकारियों की उपेक्षा का शिकार है और मेरा विश्वास है कि जमीनी स्तर पर मानव संसाधन समस्याओं के हल के द्वारा इसका सर्वश्रेष्ठ रूप से समाधान निकाला जा सकता है। जब तक सबसे नीचे की श्रेणी का स्वास्थ्यकर्मी खुश नहीं है, इस व्यवस्था से लोगों को लाभ नहीं पहुंच सकता।”
मधुमेह और अन्य मुख्य क्षेत्र
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि भारत बहुत तेजी से मधुमेह की गिरफ्त में आ रहा है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मधुमेह के इलाज में योग के साथ बैंगलौर के एस-व्यास विश्वविद्यालय द्वारा काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा कर्नाटक मधुमेह संस्थान और चेन्नई का गैर-सरकारी एम.वी. मधुमेह अस्पताल भी हजारों लोगों को कम शुल्क पर मधुमेह के इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहा है।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि मधुमेह की शुरूआत इसके प्रति टालमटोल का रवैया अपनाने से होती है। इसके लिए एनएचएम में मधुमेह से बचने के लिए बेहतर जीवनस्तर और खान-पान आदतों में सुधार के लिए जागरूकता फैलाने हेतु विशेष अभियान चलाना होगा। उन्होंने कहा कि किशोर-किशोरियों का भी मधुमेह से ग्रस्त होना सरकार के लिए बेहद चिंता का विषय है।
मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि इसके पश्चात ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मलेरिया, फाइलेरिया, एन्सैफलाइटिस, चिकुनगुनिया, डेंगू, तपेदिक, कालाजार, खसरा और कुष्ठ आदि रोगों से युद्ध स्तर पर निपटना एनएचएम उप-अभियान के घटक होंगे। यह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की महत्वपूर्ण रणनीति “रोकथाम इलाज से बेहतर उपाय है” की तर्ज पर कार्य करेगा।
नवीन अवधारणा
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन अप्रत्याशित समस्याओं से घिरा हुआ है जबकि राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन शुरू ही नहीं हो सका था। उन्होंने विश्वास जताया कि अंतरमंत्रालय सहयोग तथा श्रेष्ठ एवं पारदर्शी प्रशासन के जरिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को अंतर्राष्ट्रीय मानकों वाला सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बनाया जा सकेगा। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कार्यक्रम के लिए वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराना समस्या नहीं है बल्कि इसके लिए अब तक मानवीय संसाधन नहीं जुटाए जा सके हैं। किसी भी कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए उसके हर एक हिस्से को प्रभावी रूप से लागू किया जाना महत्वपूर्ण होता है।
एजेंसी
सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (I) 2014-लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित
नई दिल्ली ।संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 09 फरवरी, 2014 को आयोजित सम्मिलित रक्षा सेवा परीक्षा (I)-2014 के परिणाम के आधार पर निम्नलिखित अनुक्रमांक वाले 9122उम्मीदवारों ने (i) भारतीय सैनिक अकादमी, देहरादून में जनवरी, 2015 में प्रारंभ होने वाले 138वें पाठयक्रम (ii) नौ-सेना अकादमी इझीमाला, केरल में जनवरी, 2015 में प्रारंभ होने वाले पाठयक्रम (iii) वायु सेना अकादमी, हैदराबाद में जनवरी, 2015 में प्रारंभ होने वाले 197 वें एफ (पी) पाठयक्रम के लिए (उड़ान पूर्व) प्रशिक्षण पाठयक्रम (iv) अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई में अप्रैल, 2015 में प्रारंभ होने वाले 101वें एसएससी पाठयक्रम (पुरूषों के लिए) और (v) अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी, चेन्नई में अप्रैल, 2015 में महिलाओं के लिए प्रारंभ होने वाले 15 वें एसएससी (गैर-तकनीकी) पाठयक्रम में प्रवेश हेतु रक्षा मंत्रालय के सेवा चयन बोर्ड द्वारा लिए जाने वाले साक्षात्कार के लिएअर्हता प्राप्त कर ली है ।
2. परीक्षा के लिए सूचीबद्ध किए गए उम्मीदवारों का प्रति रिक्ति अनुपात 1: 17.92 है ।
3. जिन उम्मीदवारों के अनुक्रमांक निम्नलिखित सूचियों में दर्शाए गए हैं, उन सभी की उम्मीदवारी अनंतिम है। उक्त परीक्षा में प्रवेश की शर्तों के अनुसार उन्हें आयु,(जन्म की तारीख) शैक्षिक योग्यताओं, एन.सी.सी. (सी) (सेना स्कंध/सीनियर डिवीज़न, वायु सेना/नौसेना स्कंध) आदि के दावे के समर्थन में अपने मूल प्रमाण पत्र, इनकी छायाप्रतियों के साथ आई.एम. ए/एस. एस. सी. को प्रथम विकल्प के रूप में चुनने वाले उम्मीदवारों को सेना मुख्यालय, ए जी की शाखा/आर. टी. जी/सी.डी.एस.ई. एन्ट्री,वेस्ट ब्लॉक 3, भूतल, स्कंध संख्या 1, आर. के. पुरम, नई दिल्ली-110066, नौ सेना को प्रथम विकल्प के रूप में चुनने वाले उम्मीदवारों को नौ सेना मुख्यालय (आर एण्ड आर अनुभाग), कमरा संख्या 204, “सी” स्कन्ध, सेना भवन, नई दिल्ली-110011 तथा वायु सेना को प्रथम विकल्प के रूप में चुनने वाले उम्मीदवारों को पीओ 3 (ए) वायु सेना मुख्यालय, “जे” ब्लॉक, कमरा नं 17, वायु भवन के सामने, मोती लाल नेहरू मार्ग, नई दिल्ली-110011 को प्रस्तुत करने होंगे । मूल प्रमाण पत्र सेवा चयन बोर्ड के साक्षात्कारकी समाप्ति के दो सप्ताह के भीतर तथा 13 नवंबर, 2014 (केवल एसएससी के मामले में 1 फरवरी, 2015) तक भेजने होंगे । उम्मीदवार, अपने मूल प्रमाण पत्र, संघ लोक सेवा आयोग को कदापि न भेजें ।
4. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि यदि उनके पते में किसी प्रकार का परिवर्तन हुआ हो तो इसकी सूचना, अपनी प्रथम वरीयता/विकल्प के अनुसार सीधे सेना मुख्यालय/नौसेना मुख्यालय/वायुसेना मुख्यालय को तुरंत दें ।
5. संघ लोक सेवा आयोग का अपने परिसर में परीक्षा भवन के नजदीक एक सुविधा केन्द्र है । उम्मीदवार इस सुविधा केन्द्र से वर्तमान परीक्षा/भर्ती से संबंधित कोई भी जानकारी/स्पष्टीकरण कार्य दिवसों में पूर्वाह्न 10.00 बजे से सायं 5.00 बजे तक स्वयं आकर अथवा दूरभाष संख्या 011-23385271, 011-23381125 तथा 011-23098543 से प्राप्तकर सकते हैं । उम्मीदवार, परीक्षा परिणाम आदि से संबंधित जानकारी संघ लोक सेवा आयोग की वेबसाइट http://www.upsc.gov.in से भी प्राप्त कर सकते हैं ।
6. जिन उम्मीदवारों ने अर्हता प्राप्त नहीं की है, उनके अंक-पत्र, अंतिम परिणाम के प्रकाशित होने के 15 दिनों के अंदर (एस एस बी साक्षात्कारों के आयोजन के बाद) आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे और 60 दिन की अवधि के लिए वेबसाइट पर उपलब्ध रहेंगे।